नई दिल्ली (हि.स.)। साल 2007 के वनडे विश्वकप में वेस्ट इंडीज की धरती पर सितारों से सजी टीम इंडिया पहले ही राउंड में बाहर हुई तो कप्तान राहुल द्रविड़ की आंखों से आंसू निकल आए थे, शनिवार रात जब उसी सरजमीं पर टीम इंडिया टी-20 विश्वकप विजेता बनी तो कोच राहुल द्रविड़ भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए। कोहली ने जब द्रविड़ के हाथों में ट्रॉफी थमाई तो उन्हें पहली बार सार्वजनिक तौर पर खुशी से शोर मचाते देखा गया। इसी शानदार मोड़ पर रोहित शर्मा-विराट कोहली का टी-20 सफर खत्म हुआ और द्रविड़ का टीम इंडिया के मुख्य कोच का कार्यकाल।
राहुल द्रविड़ को नवंबर 2021 में आधिकारिक तौर पर भारत का पूर्णकालिक मुख्य कोच जब बनाया गया तो इसकी यह कहते हुए कड़ी आलोचना हुई कि टेस्ट क्रिकेट के धुरंधर रहे द्रविड़ को तीनों फॉर्मेट का कोच बनाना कहां तक उचित है। कोहली, रोहित जैसे सितारों से भरी टीम इंडिया को द्रविड़ कुशलता से हैंडल कर पाएंगे, इसपर भी गहरा संदेह था। बैकग्राउंड में कोच के रूप में रवि शास्त्री के बेहतर रिकॉर्ड द्रविड़ के लिए अलग चुनौती थे।
द्रविड़ का कार्यकाल नवंबर 2023 में वनडे विश्वकप के बाद ही खत्म हो गया था लेकिन टीम प्रबंधन ने टी20 विश्वकप तक उन्हें टीम के साथ बने रहने के लिए मना लिया। पिछले तीन वर्षों में अलग-अलग आईसीसी टूर्नामेंट में उन्होंने तीन बार भारत को फाइनल में पहुंचाया और इनमें से एक में शनिवार रात टीम इंडिया चैंपियन भी बनी। द्विपक्षीय सीरीज में द्रविड़ का कार्यकाल शानदार रहा। उनके कार्यकाल के दौरान 17 द्विपक्षीय सीरीज में से भारतीय टीम ने 14 जीती है।
द्रविड़ की कोचिंग में भारत का पहला आईसीसी टूर्नामेंट 2022 टी-20 विश्वकप था और सेमी फाइनल में पहुंची टीम इंडिया इंग्लैंड से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हुई थी। इसके बाद भारत के सामने 2023 टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल था जहां ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को शिकस्त दी। 2023 वनडे विश्व कप में भारत भले ही फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया हो, लेकिन 11 में से 10 मैच जीत कर भारत टूर्नामेंट की सबसे बेहतरीन टीम रही थी। अब टी-20 विश्व कप में शानदार जीत के साथ द्रविड़ ने कोच के रूप में अपना शानदार सफर बेहद शालीनता के साथ खत्म किया।