नई दिल्ली (हि.स.)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘शक्ति’ शब्द के उपयोग पर स्पष्टीकरण देते हुए आरोप लगाया है कि उनके कहे सच को घुमाकर गलत अर्थों में पेश किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि वह किसी प्रकार की धार्मिक शक्ति की नहीं बल्कि अधर्म, भ्रष्टाचार और असत्य की बात कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता ने कहा था, “हिन्दू धर्म में शक्ति होती है .. हम उस शक्ति से लड़ रहे हैं।” इस पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि इंडी गठबंधन ने ‘शक्ति’ की अवधारणा को समाप्त करने की घोषणा की है, जिसने न केवल हिंदू धर्म बल्कि भारत की नारी शक्ति का भी अपमान किया है।
राहुल गांधी के इन शब्दों पर भाजपा और पार्टी नेताओं के तीखे हमले के बाद कांग्रेस पार्टी बचाव की मुद्रा में है। पार्टी नेता उनके बयान को स्पष्ट कर रहे हैं। पार्टी का कहना है कि राहुल गांधी नकारात्मक शक्ति की बात कर रहे थे।
स्वयं राहुल गांधी ने अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि उनका शक्ति से मतलब भारत की आवाज़, संस्थाओं, सीबीआई आईटी, ईडी, चुनाव आयोग, मीडिया, उद्योग जगत और समूचे संवैधानिक ढांचे को अपने चंगुल में दबोच लेने वाली शक्ति की बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब मैं उसके ख़िलाफ़ आवाज उठाता हूं, मोदी जी और उनकी झूठों की मशीन बौखलाती है, भड़क जाती है।