केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बेंगलुरु में कहा कि रेलवे वंदे मेट्रो ट्रेन का निर्माण कर रहा है, जिसे जल्द ही 1950 और 60 के दशक में डिजाइन की गई ट्रेनों से बदल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित हाइड्रोजन ट्रेन दिसंबर 2023 में पटरी पर दौड़ने लगेगी।
वहीं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे के निजीकरण से इनकार करते हुए संवाददाताओं से कहा कि रेलवे एक रणनीतिक क्षेत्र है और यह सरकार के पास रहेगा। वर्तमान में रेलवे एक दिन में 12 किलोमीटर रेलवे ट्रैक निर्माण कर रहा है, जो 2004 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान केवल चार किलोमीटर प्रतिदिन हुआ करता था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रेल मंत्री ने कहा कि हम वंदे मेट्रो ट्रेन का डिजाइन तैयार कर रहे हैं और डिजाइन मई या जून तक तैयार हो जाना चाहिए। हम एक विश्व स्तरीय वंदे मेट्रो डिजाइन कर रहे हैं जो एक बड़ी कामयाबी होगी। उन्होंने कहा कि वंदे मेट्रो ट्रेन का निर्माण इतनी बड़ी संख्या में किया जाएगा कि देश भर में 1950 और 1960 के दशक की डिजाइन वाली सभी ट्रेन को बदल दिया जाएगा।
केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही रेलवे वंदे भारत-3 डिजाइन पर काम कर रहा है, जिसमें स्लीपर क्लास भी होगी। इन ट्रेनों का इस्तेमाल लंबी यात्रा के लिए भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि रेलवे हर भारतीय के जीवन में बड़ा बदलाव लाए।
वहीं अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हाइड्रोजन आधारित ट्रेनों को वंदे भारत की तरह भारतीय इंजीनियर डिजाइन कर रहे हैं। डिजाइन की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है और हमें दिसंबर 2023 तक देश में पहली हाइड्रोजन ट्रेन शुरू करने में सक्षम होना चाहिए।