देहरादून (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो साल के अपने कार्यकाल में महत्वपूर्ण निर्णयों से पूरे देश में अलग पहचान बनाई है। चाहे सख्त नकल विरोधी कानून हो या फिर विधानसभा में समान नागरिक संहिता बिल पास कर पूरे देश को उत्तराखंड की ओर से समानता का संदेश देना हो। अब उत्तराखंड फिर एक बार दंगाइयों के खिलाफ कठोर कानून लाने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री धामी उत्तराखंड के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने लैंड जिहाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए भू-माफिया की कमर तोड़ के रख दी। धामी सरकार पांच हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करना भी विशेष पहचान बनी है।
धामी सरकार का सख्त नकल विरोधी कानून युवाओं के सुरक्षित भविष्य के लिए सशक्त आधार बना है। आज उत्तराखंड की छवि पूर्ण पारदर्शिता से प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करवाने वाले राज्य के रूप में तेजी से मजबूत हुई है। अब अन्य राज्य के युवा भी धामी सरकार की ओर से लागू किए गए सख्त नकल विरोधी कानून लागू करने की मांग भी अपने-अपने राज्यों में कर रहे हैं।
अब एक ऐसा ही कठोर निर्णय सीएम धामी दंगाइयों के विरुद्ध भी लेने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर अधिकारियों ने दंगाइयों के विरुद्ध देश के विभिन्न राज्यों में लागू हुए कानूनों का अध्ययन पूरी तरह कर लिया है। अब उत्तराखंड में फिर एक बार धामी के नेतृत्व में दंगाइयों के खिलाफ कठोर कानून लाने के लिए तैयार हैं।
माना जा रहा है आने वाले कुछ दिनों में ही दंगाइयों के विरुद्ध एक बिल विधानसभा में पेश किया जा सकता है। मुख्यमंत्री धामी ने इसके संकेत अपने पिछले कुछ बयानों में भी दिए थे। उनका स्पष्ट कहना था कि देवभूमि के शांतिपूर्ण माहौल को किसी भी कीमत पर बिगड़ने नहीं दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी साफ निर्देश दिये हैं कि “देवभूमि में शांति व्यवस्था से कोई समझौता” नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि उत्तराखंड के मूल स्वरूप और डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) को खराब करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए सख्त निर्देश दिये गए हैं।