सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। सामान्यतः नाग पंचमी का पर्व हरियाली तीज के दो दिवस पश्चात् आता है। इस दिन नाग देव के साथ भगवान शिव की पूजा और रूद्राभिषेक करना शुभ माना गया है। नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है।
सनातन धर्म में नागों को बहुत शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि है नागों की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं तथा भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। नाग देवता की विधिपूर्वक पूजा करने से सुख, समृद्धि में वृद्धि होती है और भय से मुक्ति मिलती है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कालिया नाग का अहंकार तोड़ा था. नाग पंचमी पर नाग देवता को दूध से स्नान करने की परंपरा है। ऐसा करने से कालसर्प दोष का भी प्रभाव कम होता है।
हिंदू शास्त्रों के अनुसार नाग पंचमी के दिन विशेष रूप से अनन्त, वासुकि, शेष, पद्म, कम्बल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शङ्खपाल, कालिया, तक्षक और पिङ्गल आदि बारह नागों की पूजा की जाती है।
शुभ मुहूर्त
• नाग पंचमी : शुक्रवार 13 अगस्त 2021
• पंचमी तिथि: गुरुवार 12 अगस्त को दोपहर 3:24 बजे से शुक्रवार 13 अगस्त 2021 को दोपहर 1:42 बजे तक
• पूजा मुहूर्त: शुक्रवार 13 अगस्त को प्रात: 5:49 बजे से 8:28 बजे तक
• मुहूर्त की अवधि: 2:39 घंटे