केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस व आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एवीगैस 100 एलएल को शुरू किए जाने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम एक उल्लेखनीय रूपांतरण के दौर से गुजर रहे हैं, जो लगभग क्रांतिकारी है। हम जैव ईंधन सम्मिश्रण, हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देकर आयातित ईंधन पर निर्भरता कम कर रहे हैं। एवीगैस 100 एलएल की लॉन्चिंग के अवसर पर नागरिक उड्डयन व सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल डॉ वीके सिंह (सेवानिवृत्त) भी उपस्थित थे।
एवीगैस 100 एलएल पिस्टन इंजन विमान और मानव रहित वाहन के लिए विशेष विमानन ईंधन है। वर्तमान में भारत इस उत्पाद को यूरोपीय देशों से आयात कर रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन इंडियन ऑयल ने हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर किया था। इसमें भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय व नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और उड़ान प्रशिक्षण अकादमियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री ने स्वदेशी एवीगैस 100 एलएल को शुरू किए जाने महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में पायलट प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षु विमानों में हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी, विमानों व उड़ान प्रशिक्षण अकादमियों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ एक विकसित विमानन उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वदेशी एवीगैस 100 एलएल को शुरू किया जाना महत्वपूर्ण है। जैसा कि भविष्य में भारत में हवाई परिवहन की मांग कई गुना बढ़ने की उम्मीद है, इसे देखते हुए प्रशिक्षित पायलटों की भी भारी मांग होने वाली है। मंत्री ने आगे कहा कि इसके लिए एफटीओ की संख्या में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
स्वदेशी एवीगैस 100 एलएल की लॉन्चिंग के बारे में नागरिक उड्डयन व सड़क परिवहन व राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल डॉ वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हरदीप पुरी के नेतृत्व में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने स्वदेशी एवीगैस 100 एलएल को शुरू करने का प्रयास किया है, जिसका हम पहले आयात कर रहे थे। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की सोच के तहत इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड एवीगैस 100 ईंधन को शुरू किया है, जिसे अब तक भारी लागत पर आयात किया जाता था। यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे सभी उड़ान अकादमियों व अन्य सभी छोटे विमान, जो एवीगैस 100 एलएल का उपयोग करते हैं, स्वदेशी स्रोतों से इसे खरीदने और धनराशि के बचत में सक्षम हैं। उन्होंने आगे कहा कि उन क्षेत्रों और देशों को निर्यात करने के मामले में हमारे लिए बहुत बड़ा अंतर होगा, जिन्हें एवीगैस 100 एलएल ईंधन की जरूरत है।
इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य ने कहा कि इंडियन ऑयल को अपनी रिफाइनिंग ताकत और इन-हाउस विशेषज्ञता का लाभ उठाकर इस विशेष ईंधन को शुरू करने पर गर्व है। वास्तव में स्वदेशी ईंधन आयातित ग्रेड की तुलना में बेहतर है। एवीगैस बाजार के मौजूदा 1.92 अरब डॉलर से बढ़कर 2029 तक 2.71 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। हम घरेलू मांग को पूरा करने के अलावा निर्यात के अवसरों को लक्षित करने के लिए जल्द ही एक नई सुविधा स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। मुझे विश्वास है कि प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के साथ हम जो बेहतर गुणवत्ता प्रदान करते हैं, वह हमें वैश्विक बाजार में एक महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान करेगी और भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा में एक नया अध्याय खोलेगी।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में एवीगैस 100 एलएल पूरी तरह से आयातित उत्पाद है। इंडियन ऑयल के गुजरात रिफाइनरी में उत्पादित एवीगैस 100 एलएल का घरेलू उत्पादन भारत में उड़ान प्रशिक्षण को और अधिक सस्ता बना देगा। एफटीओ और रक्षा बलों द्वारा परिचालित विमानों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल होने वाले इस उत्पाद का भारत कई दशकों से आयात कर रहा है। इंडियन ऑयल की अनुसंधान व विकास, रिफाइनरियों और मार्केटिंग टीमों ने स्वदेशी उत्पादन की यह उपलब्धि प्राप्त की है और उद्योग को मूल्य लाभ प्राप्त करने का अवसर दिया है।
विमानन गैसोलीन का प्रमुख ग्रेड यानी एवीगैस 100 एलएल टर्बो चार्ज किए गए रिसीप्रोकेटिंग पिस्टन इंजन विमान में उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है। इसका उपयोग मुख्य रूप से एफटीओ और रक्षा बलों द्वारा पायलटों के प्रशिक्षण के लिए किया जाता है। वड़ोदरा में इंडियन ऑयल की प्रमुख रिफाइनरी द्वारा उत्पादित एवीगैस 100 एलएल को भारत में नागरिक उड्डयन को विनियमित करने के लिए भारत सरकार के सांविधिक निकाय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने परीक्षण और प्रमाणित किया है।
यह आयातित ग्रेड की तुलना में बेहतर प्रदर्शन गुणवत्ता मानकों के साथ उत्पाद विनिर्देशों को पूरा करने वाला एक उच्च-ऑक्टेन विमानन ईंधन है। एवीगैस 100 एलएल की स्वदेशी उपलब्धता आयात पर निर्भरता को कम करने और संबंधित लॉजिस्टिक चुनौतियों का समाधान करने में सहायता करेगी। इस उत्पाद की घरेलू उपलब्धता से देश कीमती विदेशी मुद्रा को बचाने में सक्षम होगा। इससे पूरे भारत में 35 से अधिक एफटीओ को भी लाभ होगा। इस उत्पाद की घरेलू उपलब्धता के साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय देश में और अधिक प्रशिक्षण संस्थान खोलने पर विचार कर रहा है। विमानन परिवहन में बढ़ोतरी को देखते हुए प्रशिक्षित पायलटों की मांग बढ़ने की उम्मीद है।