जबलपुर जिले में उपजाऊ भूमि एवं सिंचाई के पर्याप्त साधन होने के कारण जायद के मौसम में लगातार फसलों का क्षेत्राच्छादन बढ़ता रहा है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के लगातार प्रयासों के फलस्वरूप गर्मियों में पिछले कुछ वर्षों के दौरान जिले में जायद फसलों का रकबा लगभग दोगुना हो गया है। गर्मियों के दौरान जिले में पहली बार तिल एवं मूंगफली की खेती की गई है।
उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास रवि आम्रवंशी के मुताबिक मूंग एवं उड़द जिले की प्रमुख जायद फसलें हैं। जिले में किसानों द्वारा करीब 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग तथा लगभग 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में उड़द की बोनी की जा रही है। कृषि विभाग द्वारा इस वर्ष तिलहन फसलों का रकबा भी बढ़ाने का प्रयास किया गया है। जायद फसलों के अंतर्गत पहली बार शहपुरा विकासखंड में किसानों द्वारा 3 सौ 50 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बोनी भी की गई है।
रवि आम्रवंशी के अनुसार कृषि महाविद्यालय टीकमगढ़ से अधिक पैदावार देने वाली तिल की दो रोग प्रतिरोधी किस्में टीकेजी-306 और टीकेजी-308 को मंगवाई गई हैं। इन किस्मों के बीज सभी विकासखण्डों के किसानों को नगद वितरित कर 100 हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी करवाई गई है। राष्ट्रीय बीज निगम से मूंगफली का के-1812 किस्म का बीज प्राप्त कर मूंगफली फसल प्रदर्शन 100 हेक्टेयर क्षेत्र में आयोजित किया गया है। यह नई किस्म का प्रमाणित बीज है।
उपसंचालक किसान कल्याण ने बताया कि गर्मी में फसलों का उत्पादन अधिक प्राप्त होता है क्योंकि फसलों में कीड़े, बीमारियां खरीफ से अपेक्षाकृत कम लगते हैं। बीज में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने के कारण उत्पादन भी अधिक होता है। इन फसलों के प्रति किसानों का रुझान बढ़ा है। आगामी खरीफ में भी कृषि विभाग दारा उच्च गुणवत्ता का तिलहन फसलों का बीज पल के कृषकों को वितरित किया जावेगा।