Sunday, December 22, 2024
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सोनिया गांधी ने राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान से भरा पर्चा, रायबरेली से अब कौन?

रायबरेली (हि.स.)। कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान से बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया। रायबरेली लोकसभा क्षेत्र की सांसद सोनिया गांधी के इस फैसले से यह माना जा रहा है कि अब वह लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी।

वर्ष 2004 से 2019 तक सोनिया गांधी रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से लगातार पांच बार जीत चुकी हैं। वर्ष 1999 में वह पहली बार अमेठी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ीं और जीतीं। इसके बार यह सीट उन्होंने राहुल गांधी के लिए छोड़ दी।

सोनिया ने अपनी सास इंदिरा गांधी के बाद लंबे समय तक रायबरेली से चुनाव लड़ा और जीता। हालांकि 2019 के बाद यहां उनका आना जाना कम हो गया, तभी से यह कयास लगाया जाने लगा था कि उनका यह अंतिम चुनाव होगा, जिसका संकेत उन्होंने अपनी कई सार्वजनिक सभाओं में दिया था।

रायबरेली सीट गांधी परिवार के लिए सबसे सुरक्षित मानी जाती है। प्रियंका गांधी वाड्रा की सक्रियता से इस बात की अटकलें लगने लगी हैं कि वह इस बार रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी।

रायबरेली सीट से पहली बार वर्ष 1952 के चुनाव में सोनिया गांधी के ससुर फ़िरोज गांधी ने चुनाव लड़ा और जीता। वह 1952 और 1957 में यहां से जीते। सोनिया की सास इंदिरा गांधी ने इसे मजबूती दी और यहां से 1967, 1971 और 1980 में विजयी रहीं। रायबरेली में गांधी परिवार से चुनाव लड़ने और जीतने का सिलसिला आगे भी चलता रहा। वर्ष 1980 एवं 1984 में अरुण नेहरू ने चुनाव जीता। गांधी परिवार की ही शीला कौल 1989 एवं 1991 में रायबरेली से सांसद रहीं। वर्ष 1999 में कैप्टन सतीश शर्मा यहां से सांसद बने। सतीश शर्मा को गांधी परिवार का सबसे विश्वास पात्र माना जाता था।

हालांकि रायबरेली में गांधी परिवार को कई झटके भी लगे। वर्ष 1977 के चुनाव में यहां से जनता पार्टी के राजनारायण जीते और 1996 एवं 1998 के चुनाव में यहां से भाजपा उम्मीदवार विजयी रहा। बावजूद इसके यह सीट गांधी परिवार के लिए सबसे अहम रही है। वर्ष 2024 में प्रियंका गांधी के चुनावी राजनीति की शुरुआत भी यहीं से करने की तैयारी है।

उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी पहली बार 1999 में अमेठी क्षेत्र से सांसद चुनी गईं। इसके बाद वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में वह रायबरेली सीट से जीतीं। मई 2006 में लाभ के पद को लेकर हुए विवाद के बाद उन्होंने लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उपचुनाव के जरिए वह दोबारा सांसद चुनी गईं। इसके बाद 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में सोनिया ने रायबरेली सीट से जीत हासिल की।

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