Tuesday, November 26, 2024
Homeखेलएचओएस-एचओजी के COP-28 के हाई लेवल सेगमेंट के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री मोदी...

एचओएस-एचओजी के COP-28 के हाई लेवल सेगमेंट के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री मोदी का विशेष संबोधन

एचओएस-एचओजी के COP-28 के हाई लेवल सेगमेंट के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विशेष संबोधन में कहा कि 140 क़रोड़ भारतीयों की ओर से आप सभी को मेरा नमस्कार! आज सबसे पहले मैं आप सभी का आभार व्यक्त करूंगा। मेरे द्वारा उठाए गए क्लाइमेट जस्टिस, क्लाइमेट फाइनेंस औऱ ग्रीन क्रेडिट जैसे विषयों को आपने निरंतर समर्थन दिया है। हम सभी के प्रयासों से ये विश्वास बढ़ा है कि विश्व कल्याण के लिए सबके हितों की सुरक्षा आवश्यक है, सबकी भागीदारी आवश्यक है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत ने परिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के उत्तम संतुलन का उदाहरण विश्व के सामने रखा है। भारत में विश्व की 17 प्रतिशत आबादी होने के बावजूद, ग्लोबल कार्बन उत्सर्जन में हमारी हिस्सेदारी केवल 4 प्रतिशत से भी कम है। भारत विश्व की उन कुछ अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जो NDC टार्गेट्स को पूरा करने की राह पर है। उत्सर्जन की तीव्रता सम्बन्धी टार्गेट्स को हमने ग्यारह साल पहले ही हासिल कर लिया है। गैर-जीवाश्म ईंधन टार्गेट्स को हम निर्धारित समय से 9 साल पहले ही प्राप्त कर चुके हैं और भारत इतने पर ही नहीं रुका है। हमारा लक्ष्य 2030 तक उत्सर्जन की तीव्रता को 45 प्रतिशत घटाना है। हमने तय किया है कि गैर-जीवाश्म ईंधन का शेयर हम बढ़ा कर 50 प्रतिशत करेंगे और हम 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य की तरफ भी बढ़ते रहेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने अपनी जी-20 प्रेज़िडेन्सी में One Earth, One Family, One Future की भावना के साथ क्लाइमेट के विषय को निरंतर महत्व दिया है। टिकाऊ भविष्य के लिए, हमने मिलकर हरित विकास समझौता पर सहमति बनाई। हमने सतत विकास के लिए जीवन शैली के सिद्धांत तय किए। हमने वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा को तीन गुना करने की प्रतिबद्धता जताई। भारत ने वैकल्पिक ईंधन के लिए हाइड्रोजन के क्षेत्र को बढ़ावा दिया औऱ वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन भी लॉन्च किया। हम मिलकर इस नतीजे पर पहुंचे कि क्लाइमेट फाइनेंस प्रतिबद्धता को बिलियन्स से बढ़ा कर कई ट्रिलियन तक ले जाने की आवश्यकता है।

पीएम मोदी ने कहा कि ग्लासगो में भारत ने ‘आइलैंड स्टेट्स’ के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर Resilience initiative की शुरुआत की थी। भारत 13 देशों में इससे जुड़े प्रोजेक्ट्स तेजी से आगे बढ़ा रहा है। ग्लासगो में ही मैंने, मिशन LiFE– Lifestyle for Environment का विजन आपके सामने रखा था। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी की स्टडी कहती है कि इस अप्रोच से हम 2030 तक प्रति वर्ष 2 बिलियन टन कार्बन एमिशन कम कर सकते हैं। आज मैं इस फोरम से एक और, ग्रह समर्थक, सक्रिय और सकारात्मक पहल का आवाहन कर रहा हूँ। यह है ग्रीन क्रेडिट पहल (Green Credits Initiative)। यह कार्बन क्रेडिट की कमर्शियल मानसिकता से आगे बढ़कर, जन भागीदारी से कार्बन सिंक बनाने का अभियान है। मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब इससे जरूर जुड़ेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछली शताब्दी की गलतियों को सुधारने के लिए हमारे पास बहुत ज्यादा समय नहीं है। मानव जाति के एक छोटे हिस्से ने प्रकृति का अंधाधुंध दोहन किया। लेकिन इसकी कीमत पूरी मानवता को चुकानी पड़ रही है, विशेषकर ग्लोबल साउथ के निवासियों को। सिर्फ मेरा भला हो, ये सोच, दुनिया को एक अंधेरे की तरफ ले जाएगी। इस हॉल में बैठा प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक राष्ट्राध्यक्ष बहुत बड़ी जिम्मेदारी के साथ यहां आया है। हम में से सभी को अपने दायित्व निभाने ही होंगे। पूरी दुनिया आज हमें देख रही है, इस धरती का भविष्य हमें देख रहा है। हमें सफल होना ही होगा।

We Have to be Decisive:

हमें संकल्प लेना होगा कि हर देश अपने लिए जो क्लाइमेट टार्गेट्स तय कर रहा है, जो कमिटमेंट कर रहा है, वो पूरा करके ही दिखाएगा।

We have to work in Unity:

हमें संकल्प लेना होगा कि हम मिलकर काम करेंगे, एक दूसरे का सहयोग करेंगे, साथ देंगे। हमें वैश्विक कार्बन बजट में सभी विकासशील देशों को उचित शेयर देना होगा।

We have to be more Balanced:

हमें ये संकल्प लेना होगा कि अनुकूलन, शमन, जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी, हानि और क्षति इन सब पर संतुलन बनाते हुए आगे बढ़ें।

We have to be Ambitious:

हमें संकल्प लेना होगा कि एनर्जी ट्रांजिशन, बस हो, इन्क्लूसिव हो, न्यायसंगत हो।

We have to be Innovative:

हमें ये संकल्प लेना होगा कि इनोवेटिव टेक्नोलॉजी का लगातार विकास करें। अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरे देशों को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करें। क्लीन एनर्जी सप्लाई चेन को सशक्त करें।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र की रूपरेखा के प्रति प्रतिबद्ध है। इसलिए, आज मैं इस मंच से 2028 में COP-33 समिट को भारत में होस्ट करने का प्रस्ताव भी रखता हूँ। मुझे आशा है कि आने वाले 12 दिनों में वैश्विक स्टॉक-टेक की समीक्षा से हमें सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य का रास्ता मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कल हानि एवं क्षति निधि को संचालित करने का जो निर्णय लिया गया है उससे हम सभी की उम्मीद और बढ़ी है। मुझे विश्वास है, UAE की मेजबानी में, ये COP28 समिट, सफलता की नई ऊंचाई पर पहुंचेगी। मैं मेरे भाई हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन जायद और संयुक्त राष्ट्र संघ के सेक्रेटरी जनरल गुटरेस जी का, मुझे ये विशेष सम्मान देने के लिए विशेष रूप से आभार व्यक्त करता हूँ।

संबंधित समाचार

ताजा खबर