नई दिल्ली (हि.स.)। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और आध्यात्मिक संत सद्गुरु जग्गी वासुदेव की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इमरजेंसी ब्रेन सर्जरी हुई है।
दिल्ली के अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विनीत सूरी ने उनकी सेहत की जानकारी साझा करते हुए कहा कि सद्गुरु की स्थिति बेहद गंभीर थी। इसके चलते उनकी आपात सर्जरी करनी पड़ी। उनका कहना है कि सद्गुरु की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। मस्तिष्क, शरीर और महत्वपूर्ण मापदंडों में सामान्य स्तर तक सुधार हुआ है।
जग्गी वासुदेव ने स्वयं भी व्यंग्यात्मक लहजे में अपनी स्थिति की जानकारी दी है। उनका कहना है कि डॉक्टरों ने उनके मस्तिष्क को काटा और अंदर गए। वहां उन्हें कुछ नहीं मिला और फिर उन्होंने मस्तिष्क को बंद कर दिया। अब उनकी खोपड़ी में पेच लगा है लेकिन उनके दिमाग को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
बताया जा रहा है कि सद्गुरु को पिछले चार सप्ताह से गंभीर सिरदर्द था। सीटी स्कैन के बाद डॉक्टरों को पता चला कि उनके मस्तिष्क में रक्तस्राव के साथ-साथ गंभीर सूजन है। 17 मार्च को सद्गुरु की न्यूरोलॉजिकल स्थिति तेजी से खराब हो गई और बार-बार उल्टी के साथ सिरदर्द की समस्या गंभीर हो गई। आख़िरकार उन्हें भर्ती कराया गया। सीटी स्कैन से पता चला कि मस्तिष्क की सूजन में वृद्धि हुई है और जीवन के लिए खतरे की स्थिति बन गई है।
डॉक्टरों की एक टीम जिसमें डॉ विनीत सूरी, डॉ प्रणव कुमार, डॉ सुधीर त्यागी और डॉ एस चटर्जी हैं, ने मामले को संभाला। उनके ब्रेन की आपातकालीन सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद सद्गुरु को वेंटिलेटर से हटा लिया गया है।