नई दिल्ली (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर 30 अप्रैल को भी सुनवाई जारी रखेगा। आज सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी कानून का उल्लंघन कर की गई है।
सुनवाई के दौरान जस्टिस खन्ना ने अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ हैं लेकिन आपने जमानत की याचिका क्यों नहीं दाखिल की। तब सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी ही अवैध थी, इसलिए उसको ही चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की 21 मार्च को धारा 19 के तहत हुई गिरफ्तारी के लिए ईडी के पास पर्याप्त वजहें नहीं हैं। ईडी सबूत के तौर पर जिन दस्तावेज की बात कर रहा है, उनसे केजरीवाल का कोई लेना-देना ही नहीं है।
सिंघवी ने कहा कि जब ईडी ने ईसीआईआर दाखिल किया तो उसके बाद 18 महीनों में केजरीवाल की गिरफ्तारी नहीं हुई। कोर्ट ने पूछा कि क्या आपका नाम सीबीआई के मामले में है तो सिंघवी ने कहा कि उसमें भी इनका नाम नहीं है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी से डेढ़ साल पहले मामला शुरू हुआ। उस दौरान तीन चार्जशीट दाखिल हुईं। सीबीआई ने भी इस मामले में चार्जशीट दाखिल की लेकिन उसमें भी केजरीवाल का नाम नहीं है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि सीबीआई और ईडी ने दिसंबर, 2023 तक कोर्ट में 10 दस्तावेज पेश किये लेकिन उनमें से एक में भी केजरीवाल का नाम नहीं था। इस मामले में राघव मगुंटा, बुची बाबू, बोइनपल्ली, सरत चंद्र रेड्डी के बयान दर्ज हुए लेकिन किसी में भी केजरीवाल के अपराध में शामिल होने की बात नहीं आई। सिंघवी ने कहा कि ईडी ने केजरीवाल को लंबे समय तक गिरफ्तारी न करने के बाद आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी जिन बयानों के आधार पर हुई है, वह सात आठ महीने पुराने हैं। तब कोर्ट ने पूछा कि क्या आपके खिलाफ कोई आरोपपत्र दाखिल हुआ है तो सिंघवी ने कहा कि नहीं।
जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा कि ईडी ने केजरीवाल को नोटिस भेजा लेकिन वो पेश नहीं हुए। सिंघवी ने अपने जवाब में कहा कि जब भी सीबीआई ने बुलाया तो वो गए और केजरीवाल ने ईडी के हर नोटिस का विस्तार से जवाब भी दिया लेकिन आज ईडी य़ह कहकर गिरफ्तार नहीं कर सकता कि आप नहीं आए। उन्होंने कहा कि ईडी के सामने ना जाना मेरा अधिकार है। इस पर अलग से मुकदमा चलाया जा रहा है। यह गिरफ्तारी का आधार या कारण नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि ईडी सिर्फ जांच में सहयोग ना करने का हवाला देकर गिरफ्तार नहीं कर सकता। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 29 अप्रैल को सुनवाई करने वाला है। केजरीवाल ने कहा है कि जिन बयानों और सबूतों के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई है वो 7 दिसंबर, 2022 से लेकर 27 जुलाई, 2023 तक के बीच लिये गए हैं। उसके बाद से कोई भी सबूत केजरीवाल के खिलाफ ईडी के पास नहीं हैं। ऐसे में यह समझ से परे है कि उन पुराने तथ्यों के आधार पर 21 मार्च को गिरफ्तारी की क्या जरूरत थी। गिरफ्तारी से पहले इन पुराने सबूतों पर सफाई को लेकर केजरीवाल का कोई बयान भी दर्ज नहीं किया गया।
दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने 9 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी थी। केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।