बैंक और डाकघर से अधिक मात्रा में कैश निकालने पर अब टीडीएस काटा जाएगा। नया नियम 1 जुलाई से लागू हो गया है। सीबीडीटी ने कहा कि नकद निकासी से जुड़े डाटा से संकेत मिलता है कि जिन लोगों द्वारा भारी मात्रा में नकद निकासी की जा रही है, उन्होंने आयकर रिटर्न कभी दाखिल नहीं किया है।
आयकर रिटर्न नहीं भरने वाले लोगों द्वारा रिटर्न भरा जाना सुनिश्चित करने और आयकर रिटर्न नहीं भरने वालों की नकद निकासी पर नजर रखना तथा कालेधन पर रोक के लिए ये नियम लागू किया गया है।
सीबीडीटी ने कहा कि वित्त अधिनियम 2020 में आयकर अधिनियम में संशोधन करते हुए आयकर नहीं भरने वालों को 20 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी पर 2 प्रतिशत टीडीएस और 1 करोड़ रुपये से ज्यादा नकद निकासी पर 5 प्रतिशत की दर से टीडीएस काटने का प्रावधान किया गया है।
वहीं आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों को बैंक और डाकघर से 1 करोड़ रुपये से ज्यादा नकद निकासी पर 2 प्रतिशत की दर से टीडीएस भरना होगा।
उल्लेखनीय है कि नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम बढाने के क्रम में 1 सितंबर, 2019 से लागू वित्त अधिनियम, 2019 में आयकर अधिनियम धारा 194 एन शामिल करते हुए एक बैंक एवं डाकघर के खातों से 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकद निकासी पर 2 प्रतिशत की दर से टीडीएस लगाने की व्यवस्था की गई थी। हालांकि इसमें कुछ अपवाद भी शामिल थे।
सीबीडीटी ने आज कहा कि 1 जुलाई से प्रयोज्यता यू/एस 194एन के सत्यापन के रूप में वेब सीरीज के माध्यम से बैंकों को भी यह सुविधा उपलब्ध करा दी गई है, जिससे यह पूरी प्रक्रिया स्वचालित हो सकती है और इसे बैंक के आंतरिक कोर बैंकिंग समाधान से जोड़ा जा सकता है।
आयकर विभाग ने बैंकों और डाकघरों को एक नई सुविधा उपलब्ध कराई है, जिसके माध्यम से आयकर रिटर्न नहीं भरने वालों के मामले में 20 लाख रुपये से अधिक और आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों के मामले में 1 करोड़ रुपये से अधिक नकद निकासी पर लागू टीडीएस दर का पता लगाया जा सकता है। अभी तक इस सुविधा से 53,000 से ज्यादा सत्यापन अनुरोधों का निष्पादन किया जा चुका है।