मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को बिजली कर्मियों की वर्षों से लंबित समस्याओं को लेकर पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि विद्युत तंत्र को चलाएमान रखने वाले आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मियों की अनेक मांगे वर्षों से लंबित हैं।
पत्र में विद्युत मंडल में सेवा के दौरान मृत हुए कर्मियों के आश्रितों को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति, आउटसोर्स कर्मियों का विद्युत कंपनियों में संविलियन, मीटर रीडर, आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मियों का 20 लाख का बीमा एवं दुर्घटना होने पर कैशलेस की सुविधा, संविदा कर्मियों के लिए 2023 की संविदा पॉलिसी विद्युत मंडल की कंपनियों में लागू करने, पावर मैनेजमेंट कंपनी के द्वारा पूर्व में कर्मचारियों को फ्रिंज बेनिफिट देने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था, उसे लागू करने, जिस तरह से विद्युत कंपनियों में अधिकारियों को लगातार प्रमोशन दिए जा रहे हैं, उसी के अनुसार तकनीकी कर्मियों को भी प्रमोशन देने की मांग की गई है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बिजली कर्मियों की उक्त मांगे वर्षों से लंबित हैं। ऊर्जा विभाग और कंपनी प्रबंधन द्वारा कर्मियों की मांगों एवं समस्याओं का समाधान करने की बजाए उन्हें लंबित रखते हुए विकट स्थिति उत्पन्न की जा रही है। वर्षों से एक भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है, जिससे समस्या विकराल हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1988 से तकनीकी कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं दिया गया है, एक ही पद में भर्ती होकर सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समस्याओं को टालने और लंबित रखने की कंपनी प्रबंधन की प्रवृत्ति से निजात दिलाते हुए यथाशीघ्र समस्याओं एवं मांगों का निराकरण किया जाए।
संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, इंद्रपाल सिंह, राजेश यादव, मदन पटेल, दशरथ शर्मा, संदीप यादव, अरुण मालवीय आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि शीघ्र ही तकनीकी कर्मचारियों की लंबित समस्याओं का निराकरण करने की कृपा करें।