उपभोक्ताओं को किफायती मूल्य पर खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों पर मूल आयात शुल्क घटा दिया है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा जारी आदेश में रिफाइंड सोयाबीन तेल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर मूल आयात शुल्क को 17.5% से घटाकर 12.5% कर दिया गया है। यह आदेश 31 मार्च, 2024 तक प्रभावी रहेगा।
इस फैसले से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने के लिए सरकार द्वारा पहले किए गए उपायों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। मूल आयात शुल्क एक महत्वपूर्ण कारक है जो खाद्य तेलों की माल उतारने तक की लागत को प्रभावित करता है जिससे घरेलू कीमतों पर भी प्रभाव पडता है। रिफाइंड सूरजमुखी तेल और रिफाइंड सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क में कमी से उपभोक्ताओं को लाभ होगा, क्योंकि इससे घरेलू खुदरा कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी।
इससे पहले अक्टूबर 2021 में रिफाइंड सोयाबीन तेल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क 32.5% से घटाकर 17.5% कर दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि वर्ष 2021 के दौरान अंतरराष्ट्रीय कीमतें बहुत अधिक थीं जो घरेलू कीमतों में भी परिलक्षित हो रही थीं। साथ ही उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग देश में खाद्य तेल की कीमतों पर नज़र रखे हुए है और उपभोक्ताओं को इसकी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है।