केंद्र सरकार द्वारा खरीफ सीजन 2020-21 के लिए धान की खरीद तेजी से की जा रही है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और केरल में 19 अक्टूबर तक 8.54 लाख किसानों से 18,880 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से 18,539.86 करोड़ रुपये मूल्य के 98.19 लाख टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है।
पिछले 2019-20 के खरीफ सीजन में 80.20 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। इस हिसाब से इस साल धान की खरीद 22.43 प्रतिशत अधिक की गई है।
इसके अतिरिक्त राज्यों से मिले प्रस्ताव के आधार पर मूल्य समर्थन योजना के तहत तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश के लिए खरीफ विपणन सीजन 2020 के दौरान 42.46 एलएमटी दलहन और तिलहनों की खरीद की मंजूरी दी गई।
इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों के लिए 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरा की खरीद को भी मंजूरी दी गई।
अन्य राज्यों व केंद्र-शासित प्रदेशों के लिए पीएसएस के तहत दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद के प्रस्ताव मिलने पर उन्हें भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि यदि अधिसूचित फसल कटाई सीजन के दौरान इन राज्यों में इन फसलों की एफएक्यू किस्म की बाजार कीमत एमएसपी से कम हो जाती है तो इन्हें पंजीकृत किसानों से अधिसूचित एमएसपी के तहत वर्ष 2020-21 के लिए केन्द्र की नोडल एजेंसियों द्वारा राज्यों की नामित एजेंसियों के माध्यम से सीधे खरीदा जा सके।
19 अक्टूबर तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 806.11 मीट्रिक टन मूंग और उड़द की एमएसपी पर खरीद की है। इनकी कुल एमएसपी कीमत 5.80 करोड़ रुपये है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र और हरियाणा के कुल 779 किसान इससे लाभान्वित हुए हैं।
इसी तरह 52.40 करोड़ रुपये मूल्य का 5089 मीट्रिक टन खोपरे की खरीद भी एमएसपी के तहत की गई है। जिससे कर्नाटक और तमिलनाडु में 3,961 किसान लाभान्वित हुए हैं। खोपरा और उड़द के अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में इनकी दरें एमएसपी से ऊपर हैं।
संबंधित राज्य व केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारें दलहन और तिलहन की खरीफ सीजन की फसल के संबंध में आवक के आधार पर तय की गई तारीख से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर रहे हैं।
एमएसपी के तहत कपास की खरीद का काम भी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे उत्तरी राज्यों में सुचारु रूप से चल रहा है 19 अक्टूबर तक इन राज्यों में 40196 किसानों से कुल 56,590.51 लाख रुपये की 2,00,512 कपास की गांठें खरीदी गई हैं।