देश में एक साथ चुनाव कराने से संबंधित मुद्दे की समीक्षा करने और उस पर सिफारिशें देने के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में सरकार द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति की आज दूसरी बैठक हुई।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह, राज्यसभा के पूर्व नेता विपक्ष गुलाम नबी आज़ाद, कानून और न्याय मंत्रालय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष सी. कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी ने बैठक में भाग लिया।
दूसरी बैठक में एचएलसी के सदस्यों का स्वागत करने के बाद समिति के अध्यक्ष राम नाथ कोविन्द ने सदस्यों के साथ 23 सितंबर को हुई पहली बैठक के मिनट्स और उसके निर्णयों पर की गई कार्रवाई की पुष्टि की।
समिति के सचिव नितेन चन्द्रा ने समिति सदस्यों को प्रथम बैठक में लिये गये निर्णयों पर की गई विभिन्न कार्रवाईयों से अवगत कराया। समिति को सूचित किया गया कि पहले लिए गए निर्णय के अनुसार एचएलसी का नाम बदलकर ‘एक देश, एक चुनाव के लिए उच्च स्तरीय समिति’ कर दिया गया है।
समिति को यह भी बताया गया कि 6 (छह) राष्ट्रीय पार्टियों, 33 (तैंतीस) राज्य पार्टियों और 7 (सात) पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियों को एक राष्ट्र एक चुनाव पर उनके सुझाव आमंत्रित करने के लिए पत्र भेजे गए हैं।
सचिव ने समिति को बताया कि एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए एक वेबसाइट www.onoe.gov.in भी तैयार की गई है, जो इस विषय पर सभी प्रासंगिक जानकारी का भंडार होने के अलावा, सभी हितधारकों से बातचीत और सुझाव प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी। बैठक के दौरान वेबसाइट लॉन्च की गई।
भारत के विधि आयोग ने बैठक के दौरान देश में एक साथ चुनाव के मुद्दे पर अपने सुझावों और दृष्टिकोणों को विस्तार से बताते हुए एक प्रस्तुति दी। विधि आयोग का प्रतिनिधित्व इसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी, सदस्य प्रो. (डॉ) आनंद पालीवाल और सदस्य सचिव खेत्रबासी बिस्वाल ने किया।
बैठक में समिति द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एचएलसी के लिए बजटीय प्रावधान को मंजूरी दी गई और लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी का एचएलसी की सदस्यता से इस्तीफा नोट किया गया।