Friday, December 27, 2024
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एमपी की बिजली कंपनियों में नहीं है नीतिगत एकरूपता, संविदा कर्मियों के साथ किया जा रहा अन्याय

जबलपुर (लोकराग)। कहने को तो मध्य प्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग के अधीन संचालित प्रदेश की बिजली कंपनियां सरकार की नीतियों और नियमों का पालन करती हैं, लेकिन कंपनी प्रबंधन में आपसी सामंजस्य की कमी होने के कारण सरकार की नीतियों को हर कंपनी अपने अनुसार तोड़-मरोड़ कर लागू कर रही है। सरकार की एक नीति, बिजली कंपनी प्रबंधन अपने अहम और सुविधा के अनुसार अलग-अलग रूप में लागू कर रहा है, जिससे सबसे ज्यादा नुकसान संविदा कर्मियों को हो रहा है। 

बताया जा रहा है कि कार्य के दौरान दिव्यांग हुए अपने संविदा कर्मी को एक कंपनी नौकरी पर रख रही है, तो दूसरी कंपनी ने कार्य के दौरान दिव्यांग हुए संविदा को यह कह कर नौकरी से निकाल दिया है कि संविदा कर्मी के विकलांग होने के बाद वापस नौकरी पर रखे जाने का कोई प्रावधान ही नहीं है।

इसके अलावा मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि संघ पदाधिकारियों की एक बैठक में उपस्थित संविदा कर्मियों ने जानकारी दी है कि वितरण कंपनी एक प्रतिशत महंगाई भत्ता दे रही है, वहीं मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी चार प्रतिशत महंगाई भत्ता संविदा कर्मियों को दे रही है। संविदा कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में एकरूपता लाने के लिए संघ के द्वारा मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी एवं तीनों वितरण कंपनी प्रबंधनों को पत्र लिखा गया है।

संघ के राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, मोहन दुबे, लखन सिंह राजपूत, इंद्रपाल सिंह, पवन यादव, संदीप यादव, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, शशि उपाध्याय, विनोद दास, अंकित साहू, राहुल दुबे, संदीप दीपांकर आदि ने पावर मैनेजमेंट कंपनी प्रबंधन से कहा है कि ऊर्जा विभाग के द्वारा आदेश किए गए हैं कि विद्युत कंपनी के द्वारा जो भी आदेश निकाले जाएंगे उसमें एकरूपता होगी मगर ऐसा नहीं किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी प्रबंधन के द्वारा संविदा कर्मचारियों को चार प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पूर्व क्षेत्र कंपनी, मध्य क्षेत्र कंपनी एवं पश्चिम क्षेत्र कंपनी के द्वारा एक प्रतिशत महंगाई भत्ता संविदा कर्मियों को दिया जा रहा है। सभी कंपनी प्रबंधन से संघ मांग करता है कि नीतियों में एकरूपता लाकर सभी संविदा कर्मचारियों को चार प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाए।

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