अयोध्या (हि.स.)। योगगुरू बाबा रामदेव ने कहा कि प्रभु श्रीराम टेंट से मंदिर में आ रहे हैं तो विवाद क्यों? कुछ लोग बेवजह विवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाले साधु-संत नहीं हो सकते। वह रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने रविवार को अयोध्या पहुंचे हैं।
बाबा रामदेव ने कहा कि हमारे लिए श्रीराम धर्म का विग्रह हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सांस्कृतिक आजादी का महापर्व है, सांस्कृतिक संविधान का उत्सव है। राम केवल हिंदू नहीं सभी के आराध्य हैं। राम का त्याग दुनिया के लिए आदर्श है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश में चारों तरफ राममय माहौल है।
संपूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति का सूर्योदय
उन्होंने कहा कि संपूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति का सूर्योदय हो रहा है और श्रीराम जन्मभूमि का संघर्ष विश्व का सबसे लंबा संघर्ष है। 500 वर्षों के सतत संघर्ष के बाद 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का गौरवशाली दिन वैश्विक इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा। पीढ़ियों के बलिदान, त्याग और समर्पण के प्रतिफल स्वरूप प्राण प्रतिष्ठा समारोह का साक्षी वर्तमान पीढ़ी बनेगी, जिसने इसके वर्तमान के संघर्ष और विजय को प्रत्यक्ष देखा।