लोक आस्था और सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा का शुभारंभ आज बुधवार की नहाय-खाय से होगा। पहले दिन नहाए खाए का व्रत है, आज के दिन व्रति नहाने के बाद भगवान सूर्य की उपासना करते हैं और जल देने के बाद खाना खाते हैं। चार दिनों तक चलने वाले इस व्रत को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है।
दूसरे दिन खरना होता है। इस दिन शाम में गुड़ वाली खीर का प्रसाद बनाकर सूर्य देव को भोग लगाया जाता है। भोग के बाद प्रसाद को लोगों के बीच बांट दिया जाता है। इसके अगले दिन महिलाएं शाम के समय नदी, तलाब या जल में खड़े होकर सूर्य भगवान को अर्ध्य देती हैं। इस दिन ढ़लते सूरज को अर्ध्य दिया जाता है। अगले दिन उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही पूजा का समापन हो जाता है।
अंतिम दिन सूर्योदय से पहले ही नदी या तालाब में खड़ा होकर अर्ध्य दिया जाता है। सूर्य की उपासना के लिए पानी खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद व्रती कुछ खाकर अपना व्रत तोड़ेंगे।
• नहाय-खाय- बुधवार 18 नवंबर, सूर्योदय 6:46 बजे और सूर्यास्त 5:26 बजे।
• खरना- गुरुवार 19 नवंबर, सूर्योदय 6:47 बजे और सूर्यास्त 5:26 बजे
• संध्या सूर्य अर्ध्य- शुक्रवार 20 नवंबर, सूर्योदय 6:48 बजे और सूर्यास्त 5:26 बजे
• प्रातः सूर्य अर्ध्य- शनिवार 21 नवंबर, सूर्योदय 6:49 बजे और सूर्यास्त 5:25 बजे।
• छठ पूजा पारण- शनिवार 21 नवंबर को सूर्योदय के समय अर्घ्य देने का समय प्रातः 6:48 बजे है।
• षष्ठी तिथि- 19 नवंबर को रात्रि 9:58 बजे से 20 नवंबर को रात्रि 9:29 बजे तक।