भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने देश की 40 संस्थानों की लिस्ट जारी की है, जो बार-बार रिमाइंडर भेजने के बावजूद बल्क एसएमएस को लेकर जारी किए गए नियमों को लागू नहीं कर रहे हैं। ऐसे में इन संस्थानों की एसएमएस सर्विस बंद की जा सकती है।
ट्राई ने कहा है कि डिफॉल्ट करने वाली इकाइयों को इन नियमों को 31 मार्च 2021 तक पूरा करना होगा। ऐसा नहीं होने पर 1 अप्रैल 2021 से उनका ग्राहकों के साथ संचार बाधित हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो ऑनलाइन बैंकिंग और शॉपिंग करने वाले ग्राहकों खासी परेशानी उठानी पड़ सकती है, क्योंकि इससे वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की सेवा भी प्रभावित हो सकती है।
इन संस्थानों में भारतीय जीवन बीमा निगम, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस, आईडीबीआई बैंक, इंडियाबुल्स, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, पीएनबी, आरबीएल बैंक, रिलायंस रिटेल लिमिटेड, टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस, यस बैंक आदि शामिल हैं।
ट्राई ने कहा कि प्रमुख इकाइयों व टेली मार्केटिंग कंपनियों को नियामकीय अनिवार्यताओं को पूरा करने के लिए समुचित अवसर दिया जा चुका है। उपभोक्ताओं को नियामकीय लाभ से और वंचित नहीं रखा जा सकता। इसी को देखते हुये तय किया गया है कि यदि एक अप्रैल से कोई संदेश नियामकीय जरूरतों को अनुपालन नहीं करता है, तो प्रणाली द्वारा उसे रोक दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नियमों के तहत वाणिज्यिक टेक्स्ट संदेश भेजने वाली इकाइयों को मैसेज हेडर और टेम्पलेट को दूसरसंचार ऑपरेटरों के पास पंजीकृत कराना होगा। प्रयोगकर्ता इकाइयों जैसे बैंक, भुगतान कंपनियों के पास जब एसएमएस और ओटीपी जाएगा, तो उसकी जांच ब्लॉकचेन प्लेटफार्म पर पंजीकृत टेम्पलेट से की जाएगी. इस प्रक्रिया को एसएमएस स्क्रबिंग कहा जाता है।
ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित ट्राई के वाणिज्यिक संदेशों के नियमों का मकसद अवांछित तथा धोखाधड़ी वाले संदेशों पर अंकुश लगाना है। ट्राई ने दूरसंचार सेवाप्रदाताओं द्वारा जमा कराए गए स्क्रबिंग डाटा और रिपोर्ट का विश्लेषण किया है। उसकी इस बारे में टेली मार्केटिंग कंपनियों व एग्रीगेटर के साथ 25 मार्च को बैठक भी हो चुकी है।