प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने कर अधिकारियों को अंतिम मेगा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के उद्देश्य से 10 प्रोविजनल मेगा प्रमाणित परियोजनाओं की पहचान के लिए समय सीमा को बढ़ाने (36 महीने) की मंजूरी दे दी।
अंतिम मेगा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए समय अवधि का विस्तार करने से डेवलपर्स भविष्य में पीपीए के लिए प्रतिस्पर्धात्मक बोली लगाने और नीति शर्तों के अनुसार कर छूट प्राप्त करने में सक्षम होंगे। बढ़ी हुई नकदी देश के समग्र विकास को बढ़ावा देगी और विभिन्न महत्वपूर्ण बिजली परियोजनाओं को फिर से चालू करना सुनिश्चित करेगी।
ऐसी 10 प्रोविजनल मेगा परियोजनाओं की समय अवधि आयात की तारीख से 120 महीने के बजाय 156 महीने तक बढ़ा दी गई है जिन्हें कर अधिकारियों को अंतिम मेगा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए मंजूरी या आंशिक रूप से मंजूरी मिली हुई है।
इस विस्तारित अवधि के दौरान, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) के सहयोग से स्थिर ऊर्जा (अनियमित नवीकरणीय ऊर्जा, संचयन और परम्परागत ऊर्जा का मिश्रण) को आकर्षित किया जाएगा और पीपीए को सुरक्षित करने के लिए इन मेगा परियोजनाओं के ऐसी बोलियों में भाग लेने की उम्मीद है। विद्युत मंत्रालय इस अवधि में मौजूदा बिजली बाजारों के आधार पर एक विकल्प भी विकसित करेगा। साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि उपभोक्ताओं को प्रतिस्पर्धी तरीके से लाभ दिया जाए।