केन्द्रीय वित्त तथा कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज यहां केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस व्यापक समीक्षा में कर संबंधी सुविधाएं, करदाताओं को प्रदान की जाने वाली सेवाओं, व्यापार जगत की शिकायत निवारण; अनुशासनात्मक मामलों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को अंतिम रूप देना और नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम्स, इनडायरेक्ट टैक्स एंड नारकोटिक्स (एनएसीआईएन) के आगामी पलासमुद्रम परिसर की प्रगति सहित विविध कार्य क्षेत्रों को शामिल किया गया।
वित्त मंत्री ने करदाताओं को प्रदान की जाने वाली सेवाओं में निरंतर सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। शिकायत निवारण के संबंध में, श्रीमती सीतारामन ने यह अपेक्षा व्यक्त की कि प्रत्येक जोन में व्यापार और उद्योग जगत के उन सदस्यों के साथ संवाद किया जाए जो जीएसटी इकोसिस्टम का हिस्सा हैं ताकि उनकी समस्याओं और सुझावों के बारे में जाना जा सके, ताकि उनके लिए निवारण की प्रक्रिया हेतु व्यवस्थित रूप से मामलों की पहचान की जा सके। उन्होंने निवारण की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिकायतों के निवारण के बारे में प्रतिक्रिया लेने हेतु एक प्रणाली स्थापित करने का भी निर्देश दिया।
समीक्षा के दौरान, वित्त मंत्री को 2022-23 के दौरान कुल अप्रत्यक्ष कर संग्रह में अंतिम राजस्व उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी गई, जोकि 2021-22 में 12.89 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 13.82 लाख करोड़ रुपये है। जीएसटी के मामले में, वर्ष 2022-23 के दौरान औसत सकल मासिक संग्रह 1.51 लाख करोड़ रुपये और मासिक जीएसटी राजस्व संग्रह लगातार 12 महीनों के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
वित्त मंत्री ने सीबीआईसी को अगले सप्ताह तक जीएसटी रिटर्न की जांच की स्वचालित प्रक्रिया शुरू करने और प्रौद्योगिकी के अधिक उपयोग के जरिए करदाता आधार बढ़ाने के लिए एक कार्य योजना को लागू करने का निर्देश दिया। नकली बिलिंग/इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के खिलाफ अभियान को तेज करने के संबंध में, श्रीमती सीतारामन ने यह अपेक्षा व्यक्त की कि सीबीआईसी पहले से दर्ज किए गए मामलों की टाइपोलॉजी का अध्ययन करके व्यापक रूप से मूल कारकों का विश्लेषण कर सकता है और खतरे को दूर करने तथा इन्हें घटित होने से रोकने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित उपायों के बारे में अपनी सिफारिशें दे सकता है।
वित्त मंत्री ने सीबीआईसी को कर्मचारियों के कल्याण से संबंधित उपाय करने की भी सलाह दी। कैडर पुनर्गठन, क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण, समय पर पदोन्नति और अनुशासनात्मक मामलों में प्रभावी एवं समयबद्ध पर कार्रवाई पर चर्चा की गई। सीबीआईसी ने श्रीमती सीतारामन को सीमा शुल्क सहयोग कोष (सीसीएफ-भारत) के तहत की गई गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी, जिसका उपयोग विश्व सीमा शुल्क संगठन (डब्ल्यूसीओ) के सदस्यों के बीच क्षमता निर्माण की पहल का समर्थन करने के लिए किया जाता है।