भारत के केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी अमेरिकी यात्रा के तीसरे दिन सिलिकॉन वैली के भारतीय मूल के उद्यमियों और उद्यम पूंजीपतियों के साथ बातचीत की। केन्द्रीय मंत्री ने बातचीत में शामिल प्रतिनिधियों को इस संबंध में अपने विचार साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया कि दुनिया भर के निवेशकों के लिए भारत को कैसे एक बेहतर निवेश गंतव्य बनाया जाए।
केन्द्रीय मंत्री ने भारतीय स्टार्टअप ईको-सिस्टम के बारे में अपने विचार साझा करते हुए उद्यमियों और उद्यम पूंजीपतियों से कहा कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे महत्वपूर्ण और उभरते तकनीकी क्षेत्रों में काम कर रहे भारत के युवाओं की मदद करें और इसमें अपना योगदान दें।
इसके बाद पीयूष गोयल ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रमुख शिक्षाविदों के साथ एक गोलमेज चर्चा में भाग लिया। इस चर्चा में स्टैनफोर्ड, यूसी बर्कले, फ्रेस्नो स्टेट, यूसी सांता क्रूज़, यूसी डेविस और सिलिकॉन आंध्र विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने विभिन्न प्रासंगिक वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। गोलमेज़ बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि भारत कैसे विदेशी विश्वविद्यालयों और स्टैनफोर्ड जैसे संस्थानों के साथ सहयोग कर सकता है और संयुक्त परिसर स्थापित कर सकता है।
उन्होंने ‘चार्टिंग न्यू होराइजन्स: सीएज़ एज़ कैटलिस्ट इन द यूएस-इंडिया पार्टनरशिप’ कार्यक्रम में भी भाग लिया, जिसे इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के सैन फ्रांसिस्को चैप्टर द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में आईसीएआई के सदस्यों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र हुआ, जिसमें केन्द्रीय मंत्री ने भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ाने में चार्टर्ड एकाउंटेंट की भूमिका पर जोर दिया।
केन्द्रीय मंत्री ने माइक्रोन टेक्नोलॉजी के सीईओ संजय मेहरोत्रा और यूट्यूब इंक के सीईओ नील मोहन के साथ अलग-अलग बैठक की। इन द्विपक्षीय बैठकों में पीयूष गोयल ने भारत में इन कंपनियों की उपस्थिति के संदर्भ में उनकी संभावनाओं पर बातचीत की और भारतीय बाजारों तक उनकी पहुंच बनाने में समर्थन देने का प्रस्ताव दिया। माइक्रोन के साथ बातचीत में उन्होंने इस बात को दोहराया कि भारत का बढ़ता सेमीकंडक्टर ईको-सिस्टम कंपनियों को आपसी सहयोग और अपने व्यवसाय का विस्तार करने के व्यापक अवसर देता है। यूट्यूब के सीईओ नील मोहन के साथ बातचीत में पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की क्षमता, संपन्न डिजिटल ईको-सिस्टम, विषयों की विविधता और युवा तथा वैविध्यपूर्ण जनसांख्यिकी में निहित है।
इसके साथ ही पीयूष गोयल ने भारत सहित एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग संगठन के नेताओं और अतिथि अर्थव्यवस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए ऐपेक द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भाग लिया। इस स्वागत समारोह की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने की। ऐपेक के सदस्यों में ऑस्ट्रेलिया, ब्रूनेई दार-ए-सलाम, कनाडा, चिली, चीनी जनवादी गणराज्य, हांगकांग, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, मेक्सिको, न्यूज़ीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, पेरू, फिलीपींस, रूसी संघ, सिंगापुर, चीनी ताइपे, थाईलैंड, संयुक्त राज्य अमरीका और वियतनाम शामिल हैं।