केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने आज 10 मार्च को मध्य प्रदेश में एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (REL) की 630 मेगावाट बरेठी सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखीI
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में सम्मिलित होते हुए केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली के बिना आज कैसा भी विकास संभव नहीं है। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा विद्युत क्षेत्र में किया गया काम ऐतिहासिक है और पिछले 10 वर्षों में बिजली क्षमता लगभग दोगुनी हो गई है। पीक डिमांड भी लगभग दोगुनी हो गई है, लेकिन बिजली क्षमता में वृद्धि के कारण हम इस मांग को पूरा करने में अब सक्षम हैं। हमने ट्रांसमिशन नेटवर्क स्थापित किया है जो देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में बिजली स्थानांतरित कर सकता है और हम इस ट्रांसमिशन क्षमता में वृद्धि करना जारी रख रहे हैं।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार ने हर गांव को बिजली से जोड़ दिया है और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता 22 घंटे से अधिक और शहरी क्षेत्रों में 23 घंटे से अधिक हो गई है। हमने 24 घंटे, सातों दिन बिजली को लोगों का अधिकार बना दिया है। हमने लगभग 3,000 सबस्टेशन जोड़े हैं और लगभग 4,000 सबस्टेशननों को अपग्रेड किया है।”
इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि बरेठी सौर ऊर्जा परियोजना क्षेत्र के विकास में सहायक बनेगी। उन्होंने कहा कि सरकार सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में भी सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दे रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा त्वरित विकास के लिए पहचाने गए आकांक्षी जिलों में से एक के रूप में छतरपुर जिले में प्रगति देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन भी इस क्षेत्र से गुजरने वाली है, जिसे 12 मार्च, 2024 को हरी झंडी दिखाई जाएगी। उन्होंने बुंदेलखण्ड क्षेत्र में शुरू किए गए कई अन्य विकास कार्यक्रमों की भी याद दिलाई।
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बरेठी नवीकरणीय ऊर्जा पार्क में स्थित, 630 मेगावाट की सौर परियोजना में 3,200 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है और पूरा होने पर यह 3 लाख से अधिक घरों को प्रकाशमान करने के लिए पर्याप्त होगा। इसे नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की अति विशाल (अल्ट्रा मेगा) नवीकरणीय ऊर्जा पावर पार्क योजना के मोड-8 के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है।
इस परियोजना के चालू होने से न केवल ग्रिड को हरित बिजली की आपूर्ति होगी, बल्कि लोगों को सस्ती बिजली भी सुनिश्चित होगी। इस बीच परियोजना के निर्माण से क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने में भी सहायता मिल रही है।
सतत विद्युत उत्पादन की दिशा में एक कदम के रूप में यह परियोजना प्रति वर्ष 12 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करेगी, जिससे देश को अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं और हरित ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
एनटीपीसी लिमिटेड 75 गीगावॉट से अधिक स्थापित क्षमता के साथ भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली उपयोगिता (पॉवर यूटिलिटी) है जो भारत में कुल बिजली मांग का 25% योगदान देती है। वर्ष 2032 तक एनटीपीसी अपनी गैर-जीवाश्म-आधारित क्षमता (नॉन-फ़ॉसिल बेस्ड कैपेसिटी) को कंपनी के 130 गीगावॉट के निवेश (पोर्टफोलियो) के 45%-50% तक विस्तारित करना चाहता है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा की 60 गीगावॉट क्षमता शामिल होगी।