वाइस एडमिरल तरुण सोबती, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक ने आज नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया।
वाइस एडमिरल तरुण सोबती 1 जुलाई 88 को भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे, वह नेविगेशन और डायरेक्शन विशेषज्ञ हैं।
35 सालों से ज्यादा के अपने सेवाकाल में, उन्होंने समुद्र और तट दोनों पर विभिन्न प्रकार की कमांड और स्टाफ नियुक्तियों पर कार्य किया है।
फ्लैग ऑफिसर के रूप में उन्होंने मिसाइल बोट आईएनएस निशंक, मिसाइल कार्वेट आईएनएस कोरा और गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस कोलकाता की कमान संभाली है।
अपने स्टाफ कार्यकाल में उन्होंने कार्मिक आवश्यकता निदेशालय और कार्मिक निदेशालय में तथा मॉस्को में भारतीय दूतावास में नौसेना अटैशे के रूप में कार्य किया है।
2019 में रियर एडमिरल के पद पर पदोन्नति पाने के बाद, उन्हें भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला में उप कमांडेंट और मुख्य प्रशिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया और बाद में पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग के रूप में नियुक्त किया गया।
2021 में वाइस एडमिरल के पद पर पदोन्नत होने पर, उन्होंने एनएचक्यू रक्षा मंत्रालय में नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख के रूप में वर्तमान नियुक्ति संभालने से पहले महानिदेशक प्रोजेक्ट सीबर्ड का पदभार संभाला।
फ्लैग ऑफिसर को भारत के राष्ट्रपति द्वारा 2020 में विशिष्ट सेवा पदक और 2022 में अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।
उन्होंने वाइस एडमिरल संजय महेंद्रू का स्थान लिया है, जो 38 साल से अधिक की शानदार सेवा के बाद 30 सितंबर 2023 को सेवानिवृत्त हुए।
नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख के रूप में वाइस एडमिरल संजय महेंद्रू के कार्यकाल के दौरान, भारतीय नौसेना ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां देखीं, जिन्होंने भारत की समुद्री पहुंच और परिचालन गति को बढ़ाया है और इसके साथ ही मित्रवत विदेशी देशों के साथ कई सफल सामरिक सहयोग की पहलें भी की गई हैं।