पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण सीट माने जाने वाले नंदीग्राम में किसको विजय मिलेगी, इस पर पूरे देश की नज़र है। आप लोगों में से बहुत लोगों में इस संबंध में प्रश्न पूछे थे। माँ शारदा की कृपा से आज मैं आपके प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करूंगा।
आप लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर मैंने प्रश्न कुंडली बनाई। पहली प्रश्न कुंडली का प्रश्न है, क्या अधिकारी नंदीग्राम चुनाव में निर्वाचित घोषित होंगे। यह कुंडली कन्या लग्न की है। तृतीय भाव में केतु बैठे हैं। चतुर्थ में चंद्रमा है। पांचवें भाव में शनि गुरु और बुध है। छठे भाव में शुक्र और सूर्य हैं। नवम भाव में राहु और मंगल है। बाकी भाव खाली हैं।
चुनाव में निर्वाचन के लिए आपका जनता पर कितना असर है। आपके शत्रु कितने बलवान हैं। आपका भाग्य कितना बलवान है तथा वर्तमान में आप का राज्य पक्ष कितना बलवान है ।
कुंडली में जनता का असर चतुर्थ भाव से देखा जाता है। शत्रुओं का ज्ञान छठे भाव से लगाया जाता है । नवम भाव से भाग्य के बारे में विचार किया जाता है तथा राज्य का विचार दशम भाव से करते हैं।
वर्तमान परिवेश में राज्य अर्थात शासन चुनाव में एक अहम रोल अदा करता है। यह सत्य है कि चुनाव में धांधली में करवाने में प्रशासन का पूरा योगदान होता है। चुनाव आयोग धांधली को रोकने का पूरा प्रयास करता है, परंतु पुराने मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्त किए गए कलेक्टर और एसपी धांधली को पूरी तरह से सपोर्ट करते हैं। अतः शासन के बारे में भी ध्यान रखना आवश्यक है।
कुंडली के चतुर्थ भाव में मेष राशि में चंद्रमा बैठे हैं जो अत्यंत मजबूत हैं। इससे यह साफ है कि जनता का भरपूर समर्थन शुभेंदु अधिकारी को मिलेगा। छठे भाव में शुक्र अपने मित्र की राशि में है परंतु अस्त है अतः ज्यादा असर नहीं दिखा पाएगा। सूर्य अपने शत्रु की राशि में है। अतः कमजोर है। इस प्रकार शत्रुओं को परास्त करने में अधिकारी कमजोर रहेंगे।
नवम भाव में राहु अत्यंत खराब फल देते हैं तथा मंगल जो अच्छे फल दे सकता है। वह अपने सम ग्रह के भाव में है। अतः कोई बहुत मजबूत नहीं है। नवम भाव को नीच के गुरु शत्रु दृष्टि से देख रहे हैं इस प्रकार यह भी खराब फल देंगे। अतः हम कह सकते हैं की अधिकारी जी का भाग्य भाव कमजोर है।
राज्य भाव में कोई ग्रह नहीं है। चंद्रमा इसको देख रहा है। राज्येश बुध पंचम भाव में अपने सम राशि में बैठा हुआ है। इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि राज्य से श्री अधिकारी को कोई मदद नहीं मिलेगी। इसके साथ यह भी कहा जा सकता है कि राज्य कोई बहुत ज्यादा दिक्कत भी श्री अधिकारी को नहीं देगा।
मूलतः इस कुंडली में श्री अधिकारी के पक्ष में चतुर्थ भाव है छठा भाव और दशम भाव न्यूट्रल है तथा नवम भाव बहुत कमजोर है। श्री अधिकारी का इलेक्शन केतु में बुध में गुरु की प्रत्यंतर दशा में होना है। इसमें केतु की महादशा श्री अधिकारी के लिए अच्छी है। बुध की अंतर्दशा सामान्य है। गुरु की प्रत्यंतर दशा सामान्य से नीचे है। इस प्रकार इस कुंडली के हिसाब से के विंशोत्तरी दशा के अनुसार चुनाव के समय श्री अधिकारी की विंशोत्तरी दशा सामान्य है।
रिजल्ट 2 मई को निकलेंगे। उस समय इस कुंडली के अनुसार केतु की महादशा में बुद्ध की अंतर्दशा में शनि का प्रत्यंतर रहेगा। शनि इस कुंडली में छठे और पांचवें भाव का स्वामी है तथा स्वराशि में है। अतः मजबूत है। अतः चुनाव के परिणाम आने के दिन श्री अधिकारी की विंशोत्तरी दशा अच्छी है।
इस कुंडली के तीसरे बिंदु गोचर पर ध्यान देते हैं । 2 मई को इस कुंडली के छठे भाव में गुरु है। राहु और बुध नवम भाव में है। मंगल राज्य भाव में तथा चंद्रमा केंद्र में है। अर्थात गुरु की पोजीशन खराब है भाग्य भाव भी खराब है। राज्य भाव भी खराब है परंतु चंद्रमा की स्थिति बहुत अच्छी है, अतः गोचर सामान्य है।
दूसरी प्रश्न कुंडली इस बात की बनाई गई क्या नंदीग्राम में ममता जी जीतेंगी।
यह प्रश्न कुंडली कर्क लग्न की बनी है छठे भाव में चंद्रमा हैं। सातवें भाव में शनि गुरु और बुध आठवें भाव में सूर्य और शुक्र है एकादश भाव में राहु और मंगल है। चतुर्थ भाव में कोई ग्रह नहीं है इसका स्वामी शुक्र अष्टम भाव में है जो मृत्यु का भाव माना जाता है, इस पर शनि की दृष्टि पड़ रही है जोकि अत्यंत अच्छी है। इस बात का द्योतक है सामान्य जनता का सपोर्ट ममता जी को नहीं मिलेगा, परंतु मुस्लिमों का सपोर्ट पूरी तरह से ममता जी के पक्ष में रहेगा।
छठे भाव में चंद्रमा है यह खराब स्थिति है परंतु इसको मंगल देख रहा है जो बताता है कि ममता जी अपने दुश्मनों को परास्त कर सकेंगी अर्थात इलेक्शन जीत सकती हैं। नवम भाव में कोई ग्रह नहीं है, परंतु नवम भाव का स्वामी नीच का है और सप्तम भाव में बैठा हुआ है। इसके अलावा शनि सीधे भाग्य भाव को देख रहा है। शनि की दृष्टि सम दृष्टि है जो थोड़ा ठीक फल देगा। इस भाव पर केतु की दृष्टि भी है जो अच्छी कही जा सकती है। इस प्रकार ममता जी का भाग्य उनका साथ देगा।
दशम भाव में कोई ग्रह नहीं है और इस भाव स्वामी एकादश भाव में सम राशि में बैठा हुआ है। अतः राज्य से मामूली मदद मिल पाएगी। इस प्रकार ममता जी का छठा भाव और बारहवां भाव अच्छा कहा जा सकता है। वर्तमान ममता जी के ऊपर केतु की महादशा में शनि की अंतर्दशा में शुक्र का प्रत्यंतर चल रहा है जोकि 16 मई तक रहेगा। इस प्रकार महादशा भी ममता जी की अच्छी है।
10 मार्च को ममता जी का एक्सीडेंट हुआ था। जिसमें उनका पैर टूटा था। उस दिन उनके ऊपर केतु की महादशा में शनि की अंतर्दशा में शुक्र की प्रत्यंतर दशा में शुक्र की सूक्ष्म दशा चल रही थी। शुक्र ग्रह अष्टम भाव में बैठे हुए हैं जिनके कारण एक्सीडेंट संभव था। 20 मार्च से 29 मार्च के बीच ममता जी को पुनः चोट लग सकती है या वे बीमार पड़ सकती हैं।
अब हम आते हैं 2 मई के गोचर की तरफ़। इस समय गुरु ग्रह अष्टम भाव में है, चंद्रमा और शनि एक साथ सप्तम भाव में है। सूर्य उच्च का होकर शुक्र के साथ दशम भाव में है। मंगल बारहवें भाव में है।
इस प्रकार उपरोक्त दोनों कुंडलियों के तुलनात्मक अध्ययन से हम पाते हैं, लग्न कुंडली ममता जी की मजबूत है। विंशोत्तरी दशा दोनों की अच्छी है, परंतु गोचर ममता जी का अच्छा दिख रहा है। लग्न कुंडली एवं गोचर में ममता जी की प्रश्न कुंडली ज्यादा मजबूत है। अतः अगर रिजल्ट 2 मई को घोषित होता है तो ममता जी निश्चित रूप से जीतेंगी।हालांकि 2 तारीख को काफी हंगामे की उम्मीद भी है।
ज्योतिषाचार्य पं अनिल कुमार पाण्डेय
स्टेट बैंक कॉलोनी, मकरोनिया,
सागर, मध्य प्रदेश