Sunday, December 22, 2024
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राष्ट्रीय आम महोत्सव में प्रदर्शित हुआ दुनिया का सबसे महंगा आम मियाजाकी, यहां देखिए

रायपुर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ की राजधानी राजधानी रायपुर में प्रदेश के इकलौते कृषि विश्वविद्यालय इंदिरा गांधी कृषि विवि में राष्ट्रीय आम महोत्सव की शुरुआत की गई है जो 14 जून तक चलेगा। राष्ट्रीय आम महोत्सव में लोकल आम से लेकर देश विदेश के अनेक किस्मों के आमों की प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी में झूल से लेकर बांग्लादेशी आम बारी, थाईलैंड की मस्तारा सहित कई वैरायटी के आम मौजूद हैं। प्रदर्शनी में आम की 325 से अधिक किस्में प्रदर्शित की गई हैं। इसमें दुनिया का सबसे महंगा आम जापान की मियाजाकी किस्म देखने लोग उमड़ पड़े हैं। इसके अलावा आम से बने 56 प्रकार के व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है

आम का व्यवसाय करने वाले राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि वे 9 प्रकार के विदेशी आम इस राष्ट्रीय आम महोत्सव में लेकर आए हुए हैं। इसमें सबसे खास जापान की मियाजाकी किस्म है जो कि दुनिया का सबसे महंगा आम है। इसकी कीमत 2 लाख 70 हजार रुपये प्रति किलो है। मियाजाकी आम सुगंधित है और रेगुलर तरीके से भी इसका प्रोडक्शन होता है। जापान के योकोहामा मियाजाकी इसका मूल स्थान है। इसलिए इसे मियाजाकी नाम से जाना जाता है। जापान में खास तौर से इसे भगवान की पूजा के लिए उपयोग में लाया जाता है। इस आम का उपयोग ज्यादातर कॉरपोरेट जगत में गिफ्ट लेन-देन के लिए किया जाता है। इसमें दो प्रकार के टेस्ट होते हैं। सूर्य के रोशनी वाले भाग का स्वाद पाइनएप्पल जैसा होता है। वहीं पीछे वाला भाग कच्चा नारियल के जैसा होता है। कलर में कमजोर होता है। इसलिए कलर देने इसे आईने के सामने रखा जाता है. फिर इसमें प्रॉपर तरीके से कलर आता है।

इसके अलावा प्रदर्शनी में यूएसए का जम्बो रेड की किस्म काआम है, जिसकी कीमत 12 हजार रुपये प्रति किलो है। यह दोनों आम बड़े साइज के हैं। बांग्लादेश के आम बारी की भी चार वैरायटी हैं। यह तीनों आम बारहमासी हैं। थाईलैंड की मस्तारा आम भी आप इस राष्ट्रीय आम महोत्सव में देखने को मिल रहा है।

इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर गिरीश चंदेल ने कहा कि आम महोत्सव का आयोजन लोगों को आम की प्रजातियों को बताने के लिए किया गया है। आम कमाई और पर्यावरण के लिहाज से भी लोगों को जागरूक करने के लिए है। यहां पर गुलाब खास, हाथीझूल, जंबो रेड, अल्फांसो और बैगन फली जैसे आमों की प्रजाति रखी गई है। इसके अलावा जो आम बोलचाल की भाषा में हमारे पास आम होते हैं जैसे दशहरी चौसा भी यहां पर हैं।

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