मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एम.पी. ट्रांसको) की 132 केवी रीवा-बघवार (जेपी-अल्ट्राटेक) लाइन के छुहिया घाटी स्थित टावरों से चोरी हुये पार्ट्स (एंगल) का एमपी ट्रांसको की ट्रांसमिशन लाइन मेंटेनेन्स टीम ने समय पर पता लगा लिया।
टीम की इस सजगता और सतर्कता के कारण समय रहते क्षेत्र में लंबे विद्युत व्यवधान के साथ घने जंगल में भीषण आग लगने की आशंका को टाला जा सका। यह लाइन न केवल सीमेंट प्लांट को विद्युत आपूर्ति करती है, बल्कि इससे सिल्परा 220 के.व्ही. सबस्टेशन रीवा को भी विद्युत मिलती है।
उल्लेखनीय है कि विगत कई माह से इस लाइन के टावर पार्ट्स की चोरी हो रही थी। जिसके कारण उक्त लाइन के क्षतिग्रस्त होने की नौबत आ गई थी, यदि समय पर इन चोरी किये गये टावरों के पार्ट्स के स्थान पर नये पार्ट्स नही लगाये गये होते तो बघवार, पिपरावॅ, सरदा, मलगॉव, पटना, धौरहरा क्षेत्र के अनेक गांव के निवासियों को महीनों बिना बिजली के रहना पड़ सकता था।
साथ ही घने जंगलों से गुजरने वाली यह लाइन क्षतिग्रस्त होने पर वृक्षों पर गिरती तो न केवल जंगल में आग लगने का निश्चित खतरा रहता बल्कि इससे बड़े क्षेत्र में जनधन हानि की आंशका पैदा हो जाती। चूंकि इस लाइन के नीचे से अनेक 33 एवं 11 केवी लाइने भी गुजरती हैं, जिसके कारण यह लाइनें भी क्षतिग्रस्त होती, जिससे बडे़ इलाके में लंबे समय तक विद्युत व्यवधान हो सकता था।