भोपाल (हि.स.)। लोकायुक्त की छापे में करोड़ों की संपत्ति का आसामी निकले मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल से पूछताछ के बाद 100.36 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर ली है। इसके साथ ही ईडी ने यह भी माना है कि भोपाल के मेंडोरी के जंगल में लावारिस इनोवा कार में मिला 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये की नकदी सौरभ की ही है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को जारी सूचना में कहा है कि पूर्व आरटीओ आरक्षक सौरभ शर्मा द्वारा अपने और रिश्तेदारों, सहयोगियों के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटाई है। इसकी पड़ताल के बाद ईडी ने इन सबके स्वामित्व वाली, कंट्रोल वाली फर्म, कंपनियां, सोसायटी के नाम पर अर्जित 92.07 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है। ईडी ने इसे आपराधिक आय (पीओसी) दर्शाते हुए यह कार्रवाई की है। इन संपत्तियों को उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत कुर्क किया गया है।
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार इन सहयोगियों, संस्थाओं में शरद जायसवाल, चेतन सिंह गौर, मेसर्स अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स अविरल एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स यू आर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड आदि शामिल हैं। ईडी ने रिपोर्ट में कहा है कि आयकर विभाग ने चेतन सिंह गौर की इनोवा गाड़ी से नकदी और सोना जब्त किया था। ईडी की जांच में पता चला है कि इनोवा कार से जब्त नकदी और सोना सौरभ शर्मा का ही था।
ईडी ने लोकायुक्त पुलिस भोपाल द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) के साथ 13(1)(बी) के तहत सौरभ शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। ईडी की जांच में पता चला कि सौरभ शर्मा ने अपने परिवार के सदस्यों, मित्रों, सहयोगियों और कंपनियों, फर्मों, सोसाइटी के नाम पर भी अलग-अलग चल और अचल संपत्तियां खरीदी थीं। इसमें अवैध तरीके से आपराधिक गतिविधि के माध्यम से मिली ब्लैक मनी को व्हाइट करके कई अज्ञात व्यक्तियों से अनसेफ लोन की व्यवस्था की गई थी।
इससे पहले सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में (जेल में बंद) हैं। ईडी ने कहा है कि पहले भी तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की गई थी जिसके कारण 8.29 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस वाले बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था और 2.50 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई थी। साथ ही 14.20 लाख रुपए और 9.17 लाख रुपये की चांदी जब्त की गई है। अब तक ईडी द्वारा इस मामले में कुल 100.36 करोड़ रुपये की कुर्की और जब्ती की गई है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में लोकायुक्त, ईडी और आयकर विभाग ने सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी। इसी दौरान भोपाल के मेंडोरी में इनोवा कार से 11 करोड़ रुपये कैश और 52 किलो गोल्ड जब्त किए गए थे। इसका लिंक भी सौरभ से जुड़ा था। इसके बाद सौरभ और उसके सहयोगियों की बेशुमार संपत्ति सामने आई थी। हालांकि, अब तक हुई पूछताछ में सौरभ शर्मा ने यह स्वीकार नहीं किया है कि मेंडोरी में इनोवा कार में मिला सोना और कैश उसका है।
पूर्व उपनिदेशक की 95 लाख की संपत्ति भी कुर्क
इधर, एक अन्य कार्यवाही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इंदौर उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत नगरीय प्रशासन विकास विभाग इंदौर एवं उज्जैन के पूर्व उप निदेशक अशोक शर्मा के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्यवाही की है। शर्मा के विरुद्ध की गई जांच के 95 लाख रुपये की अचल संपत्तियों को अनंतिम रूप से कुर्क किया है।
ईडी ने लोकायुक्त पुलिस उज्जैन द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें 1 अप्रेल 1998 से 17 जनवरी 2010 तक की जांच अवधि के दौरान आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 1.64 करोड़ रुपए की संपत्ति रखने का आरोप लगाया गया था। ईडी की जांच से पता चला है कि अशोक शर्मा ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर विभिन्न चल और अचल संपत्तियों के अधिग्रहण के माध्यम से अपराध की आय (पीओसी) अर्जित की है।