मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को अप्रैल से महंगी बिजली के करंट का झटका लगने वाला है क्योंकि प्रदेश की बिजली कंपनियों के प्रस्ताव पर मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली के दाम में 3.46 प्रतिशत बढ़ोत्तरी किए जाने की स्वीकृति दे दी है। विद्युत नियामक आयोग ने शनिवार 29 मार्च को देर रात वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नया विद्युत टैरिफ जारी कर दिया।
विद्युत नियामक आयोग के अनुसार नए विद्युत टैरिफ में न्यूनतम प्रभार को समाप्त कर दिया गया है, जिससे निम्न दाब और मौसमी उच्च दाब उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। साथ ही, उपभोक्ताओं को अब मीटरिंग प्रभार भी नहीं देना होगा। साथ ही स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को टैरिफ में छूट मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने 4,107 करोड़ रुपए के घाटे की भरपाई के लिए 7.52 प्रतिशत की औसत वृद्धि का प्रस्ताव दिया था। इस टैरिफ प्रस्ताव पर 75 से अधिक आपत्तियां दर्ज हुई थीं, जिसके बाद आयोग ने जनसुनवाई आयोजित की। जनसुनवाई के बाद आयोग ने बिजली कंपनियों के प्रस्तावित 7.52 प्रतिशत वृद्धि के प्रस्ताव को खारिज कर 3.46 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी दी।
MPERC द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए जारी नया बिजली टैरिफ
- विद्युत कंपनियों के 7.52% की टैरिफ वृद्धि के प्रस्ताव के विरूद्ध मात्र 3.46% वृद्धि की मंजूरी।
- समस्त निम्न दाब उपभोक्ताओं एवं मौसमी उच्च दाब उपभोक्ताओं को बड़ी राहत समाप्त किये गये। न्यूनतम प्रभार
- उपभोक्ताओं को कोई मीटरिंग प्रभार नहीं देना होगा।
- स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को टैरिफ में छूटः सोलर अवधि में ऊर्जा प्रभार में 20% की छूट।
- 10 किलोवाट से अधिक भार वाले निम्न दाब श्रेणी के घरेलू एवं सामान्य जल प्रदाय एवं सड़क बत्ती एवं एचवी-6 श्रेणी के उपभोक्ताओं को टीओडी (टाइम ऑफ डे) टैरिफ के अंतर्गत लाया गया।
- उच्च दाब उपभोक्ताओं को रात्रिकालीन उपभोग पर छूट आंशिक संशोधन के साथ यथावत। ऊर्जा प्रभार में माह जून से सितम्बर तक 10% एवं शेष माहों में 7.50% की छूट का प्रावधान।
- उच्च दाब उपभोक्ताओं के लिए kWH बिलिंग यथावत।
- उच्च दाब/अति उच्च दाब उपभोक्ताओं को छूट/प्रोत्साहन की व्यवस्था जारी रहेगी।
- प्रीपेड उपभोक्ताओं को छूट/प्रोत्साहन की व्यवस्था जारी रहेगी।
- शीघ्र/ऑनलाईन भुगतान के लिए छूट/प्रोत्साहन की व्यवस्था जारी रहेगी।
- पावर फैक्टर/लोड फैक्टर प्रोत्साहन की व्यवस्था जारी रहेगी।
- हरित ऊर्जा को प्रोत्साहनः प्रमाणीकरण हेतु हरित ऊर्जा टैरिफ में कमी।
- विद्युत वितरण कंपनियों के लिए शोध एवं विकास (R&D) फंड की व्यवस्था इससे तकनीकी हस्तक्षेप, संचालन दक्षता में सुधार एवं लागत में बचत का अध्ययन हो सकेगा।
- वितरण कंपनियों को उपभोक्ता सेवाओं में बेहतरी के निर्देश उपभोक्ता सेवा में खामी पर का भुगतान होगा।