Wednesday, March 26, 2025
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लकड़ी की बल्ली के सहारे विद्युत तंत्र- बिजली कर्मचारियों की कमी और प्रबंधन की अनदेखी

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की बैठक में इस बात को लेकर चिंता व्यक्त की गई है कि हर दिन कहीं ना कहीं चाहे उपभोक्ता हो या बिजली कर्मचारी करंट लगने की वजह से मृत हो रहे हैं या दिव्यांग हो रहे हैं।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसी घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। अब विद्युत तंत्र में सुधार लाने के लिए विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंधन और अधिकारियों को जागना होगा। बिजली कंपनियों में नियमित कर्मचारियों की कमी की शीघ्र भरपाई करते हुए कार्य करना पड़ेगा, तभी सुधार हो सकता है। 

शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित कर्मचारियों की अति आवश्यकता है, मगर पिछले 20 वर्षों से बिजली कंपनियों के प्रबंधन के द्वारा नियमित भर्ती को लेकर कोई भी ठोस कदम न उठाने से विद्युत तंत्र कमजोर हो गया है और इस पर आज भी विचार नहीं किया जा रहा है। अगर समय रहते इस गलती को नहीं सुधारा गया तो विद्युत वितरण कंपनियों के लिए बेहद घातक साबित होगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में एक लाइन कर्मचारी को 25 से ज्यादा की गांवों की विद्युत व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। एक ही कर्मचारी से अधिकारी राजस्व वसूली, मीटर रीडिंग, उपभोक्ताओं के विद्युत व्यवधान का सुधार, मेंटेनेंस के साथ ही तार टूट जाए तो ग्रामीणों से सहयोग लेकर जोड़ना, ब्रेकडाउन-शटडाउन होने पर सुधार कार्य करना, अवकाश के दिन अवकाश न देते हुए ड्यूटी कराना आदि अनेक प्रकार से कार्य कराए जाते हैं।

हरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि सही व्यवस्था के तहत एक डीसी में लगभग 24 नियमित कर्मचारी होने चाहिए, जो अलग-अलग शिफ्ट में ड्यूटी करें और उन्हें मानसिक तथा शारीरिक विश्राम के लिए एक दिन का अवकाश मिल सके।

लेकिन कर्मचारियों की कमी, संसाधनों का अभाव और प्रबंधन एवं आला अधिकारियों की अनदेखी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में गांव-खेतों में अनेक जगह टेढ़े-मेढ़े पोल मिलेंगे, कई पोल बल्ली के सहारे टिके मिलेंगे, पोल से उपभोक्ता के घर सर्विस लाइन कई जगह जमीन को छूती हुई देखी जा सकती है, मगर सुधार न होने की वजह से करंट लगने की अनेक दुर्घटनाएं होती हैं, इससे न केवल जन सामान्य की मृत्यु हो रही है, अपितु लाइन कर्मचारियों की जान भी जा रही है।

संघ के शशि उपाध्याय, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, इंद्रपाल सिंह, संदीप दीपंकर, पीएन मिश्रा, दशरथ शर्मा, मदन पटेल आदि ने वितरण कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि विद्युत तंत्र के पोल, लाइनें, ट्रांसफार्मर और अन्य उपकरणों में सुधार किया जाए एवं वर्तमान में कार्यरत संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए, ताकि वे नियमानुसार करंट का कार्य कर सकें।

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