जबलपुर जिले की मझौली एवं सिहोरा तहसील के गांवों के दर्जनों किसानों की सैकड़ों एकड़ पक कर खड़ी गेहूँ की फसल विगत दिनों आग के हवाले हो गई। इन किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया, वे हतप्रभ हैं तथा उनके सामने अपने परिवार को पालने व रोजी रोटी का बड़ा संकट आ खड़ा हो गया है।
भारत कृषक समाज महाकौशल मप्र के अध्यक्ष केके अग्रवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पक कर खेत में खड़ी फसल को आग से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ती का कोई प्रावधान नहीं है, इस सम्बन्ध मे सरकार से इस प्रकार की अग्नि दुर्घटना से क्षतिपूर्ती के प्रावधान को बीमा पालिसी मे जोड़ने की अनेक बार मांग की गई पर बीमा कंपनियाँ अनेक प्रकार के अंदेशो का तर्क देकर इसका कवरेज नहीं देना चाहती।
शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से पीड़ितों को तुरंत मुआवजा व सहायता राशि प्रदान करने की मांग करते हुए भारत कृषक समाज के केके अग्रवाल, जेआर गायकवाड़, सुभाष चंद्रा, रामगोपाल पटेल, प्रमोद मरवाहा, रामकिसन पटेल, डॉ प्रकाश दुबे,अनिल चिले, वीके पंड्या, सीएल शर्मा, विजय पटेल, जितेंद्र देसी, सुशील जैन, रमेश नवेरिया, योगेश पटेल, संजय जैन, विनय ठाकुर, सुशील पाठक, गोकुल पटेल, सुरेश कुर्मी, महेन्द्र आदि ने कलेक्टर से तुरंत जांच व सर्वे कराकर सहायता प्रदान करने मांग की है।
साथ ही ऐसी स्थिति मे जरूरतमंद पीड़ित किसानों को तुरंत राहत प्रदान करने, रेड क्रॉस सोसाइटी की तर्ज पर जन सहयोग से स्थाई किसान सहायता कोष स्थापित करने के साथ ही प्रत्येक तहसील मे पर्याप्त फायर ब्रिगेड की चुस्त, दुरुस्त व्यवस्था रखने के साथ ही पराली जलाने पर रोक लगाने हेतु सख्त कदम उठाने की मांग की है।
कृषक समाज ने किसान भाइयों को भी सुझाव दिया है कि वे अपने नुकसानी के विवरण के साथ लिखित शिकायत का आवेदन पटवारी, तहसीलदार एवं नजदीकी पुलिस थाने मे देकर पावती जरूर ले लेवें व अपनी उपस्थिति में पंचनामा बनवा कर उसकी एक प्रति अवश्य प्राप्त कर लेवें। इस तरह की अग्नि दुर्घटना से बचाव के लिए समय समय पर जारी एडवाइजरी, जिसमे पराली न जलाने, उस क्षेत्र मे मजदूरों की बीड़ी, सिगरेट माचिस पर प्रतिबंध लगाने, हार्वेस्टर में अग्निशामक यंत्र आवश्यक करने, बिजली के तार व ट्रांसफार्मरों पर सतत निगरानी रखने, ट्रेक्टर व पानी की पाईप लाइन की व्यवस्था दुरुस्त व सुचारु रखने व पूरी सावधानियाँ बरतने की दी गई सलाह को किसानों को गंभीरता से पालन करने का सुझाव दिया गया है। कृषक समाज ने पीड़तो की मदद करने हेतु क्षेत्रीय स्तर पर समिति का गठन कर राशि संग्रहीत करने किसानों को आगे से आगे आकर सहयोग करने का आह्वाहन किया है।