मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (MPPGCL) के जल विद्युत गृहों ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में मध्यप्रदेश नियामक आयोग द्वारा निर्धारित वार्षिक उत्पादन लक्ष्य को पार करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया।
मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने पावर जनरेटिंग कंपनी के जल विद्युत गृहों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2694 मिलियन यूनिट (MU) विद्युत उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। जल विद्युत गृहों ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 2757 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया।
जल विद्युत गृहों द्वारा वर्ष 2020-21 के बाद यह उपलब्धि हासिल की। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी की जल विद्युत उत्पादन क्षमता 915 मेगावाट है
छह जल विद्युत गृहों ने वार्षिक लक्ष्य से अधिक किया उत्पादन
मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के इस उपलब्धि में 90 मेगावाट स्थापित क्षमता के रानी अवंती बाई सागर जल विद्युत गृह बरगी, 160 मेगवाट स्थापित क्षमता के पेंच जल विद्युत गृह तोतलाडोह, 315 मेगावाट स्थापित क्षमता के बाणसागर-एक टोंस जल विद्युत गृह सिरमौर, 20 मेगावाट स्थापित क्षमता के बाणसागर-4 जल विद्युत गृह झिन्ना, 45 मेगावाट स्थापित क्षमता के राजघाट जल विद्युत गृह और 60 मेगावाट स्थापित क्षमता के मरहीखेड़ा जल विद्युत गृह ने प्रमुख योगदान दिया।
इन सभी विद्युत गृहों ने अपने वार्षिक उत्पादन लक्ष्य से अधिक विद्युत उत्पादन किया। बाणसागर–2 जल विद्युत गृह सिलपारा व बाणसागर–3 जल विद्युत गृह देवलोंद ने भी नियामक आयोग के निर्धारित लक्ष्य को हासिल किया।
बरगी जल विद्युत गृह का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के रानी अवंती बाई सागर जल विद्युत गृह बरगी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए वर्ष 2013-14 के बाद पहली बार नियामक आयोग द्वारा निर्धारित वार्षिक लक्ष्य 508 मिलियन यूनिट की तुलना में 509 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया। यह पिछले वर्ष की तुलना में 58 मिलियन यूनिट अधिक है। 37 वर्ष पुराने बरगी जल विद्युत गृह का प्लांट अवेलेबिलिटी फैक्टर 92.5 प्रतिशत रहा।
ऊर्जा मंत्री ने दी बधाई
मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई व मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह ने जल विद्युत गृहों के अभियंताओं व कार्मिकों को नियामक आयोग के निर्धारित लक्ष्य से अधिक विद्युत उत्पादन करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि जल विद्युत गृहों के प्रभावी प्रबंधन और उच्च परिचालन दक्षता को दर्शाती है।