Thursday, April 3, 2025

अनमोल एप से आर्थिक भुगतान बना मुसीबत, फील्ड कर्मचारियों में उपज रहा रोष

मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सुपरवाईजर, एलएचव्ही, एमपीडब्ल्यू, एएनएम के द्वारा स्वास्थ्य सूचकांकों की अनमोल एप में एंट्री की जाती है और इसी एप के माध्यम से स्वास्थ्य योजना के हितग्राहियों को आर्थिक भुगतान भी किया जा रहा है, जिसमें अनेकों प्रकार की समस्याओं से कर्मचारियों को सामना करना पडता है। इसके कारण पात्र हितग्राहियों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतें दर्ज की जाती हैं, सीएम हेल्पलाइन दर्ज होने का कारण दोषारोपण जमीनी कार्यकर्ताओं पर अधिकारियों द्वारा मढा जा रहा है जबकि हितग्राहियों को नियमानुसार भुगतान करने संबंधी समस्त जिम्मेदारी ब्लाक एवं जिला स्तर के अधिकारियों की होती है, न कि जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की?

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि अनमोल पोर्टल से आर्थिक भुगतान संबंधी प्रक्रिया से अलग रखते हुए पूर्ववत भुगतान प्रणाली अपनाई जाये, केवल जांच एवं टीकाकरण जानकारी संबधी ही जानकारी ही अनमोल एप्प के माध्यम से उपलब्ध कराई जाये, भुगतान संबंधी कोई कार्य अनमोल पोर्टल से न किया जाये। जिससे सीएचओ एवं एएनएम को भुगतान संबंधी समस्याओं से निजात मिल सके। अनमोल एप के माध्यम से भुगतान की गड़बड़ी होने पर कर्मचारियों का वेतन रोकने तक की कार्यवाही की जाती है, जिससे उनमें अत्यंत रोष व्याप्त है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डेय, मनोज सिंह, परशुराम तिवारी, वीरेन्द्र चंदेल, एस पी बाथरे, एसके वर्मा, राजेश चतुर्वेदी, मनोज खन्ना, दिलराज झारिया, सतीश देशमुख, रमेश काम्बले, सीएन शुक्ला, अमित पटेल, नीरज मिश्रा, विनीत विश्वकर्मा, अमित गौतम, रितुराज गुप्ता, संदीप चौबे, चूरामन गूजर, शैलेन्द्र दुबे, रामकृष्ण तिवारी, निशांक तिवारी, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, मनोज सिंह, शेरसिंह, अभिषेक वर्मा, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, मनीष लोहिया, मनीष शुक्ला, श्यामनारायण तिवारी आदि ने स्वास्थ्य आयुक्त से मांग की है कि अनमोल एप को आर्थिक भुगतान की प्रक्रिया से मुक्त रखा जाये।

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