Monday, March 24, 2025
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अनुकंपा नियुक्ति के लिए खत्म हो CPCT की अनिवार्यता, सरकारी कर्मचारियों के लिए भी जल्द जारी होंगे निर्णायक आदेश

मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ प्रदेश प्रवक्ता अनिल भार्गव, अटल उपाध्याय जिला संयोजक ने बताया है कि कर्मचारियों की लंबित मांगों के निराकरण किए जाने के संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन से विस्तृत चर्चा की गई। भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री इंजी. कुलदीप सिंह गुर्जर, महामंत्री जितेंद्र सिंह, प्रदेश प्रवक्ता डॉ. अनिल भार्गव, जिला संयोजक भोपाल जितेंद्र शाक्य ने प्रदेश के कर्मचारियों के हित के निर्णायक आदेश जारी किए जाने की संभावनाएं जताई है, लंबित महगाई भत्ता, एचआरए, पदोन्नति, अनुकंपा नियुक्ति, कर्मचारी आयोग बनाने पर चर्चा की गई।

राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री जितेंद्र सिंह ने प्रथक से मांग पत्र लेकर बिंदूवार समस्याओं के निदान के साथ ही प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की पदोन्नतियां करने, प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता, एरियर्स की राशि का   भुगतान करने, प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों सहित निगम मंडल इत्यादि के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गृह भाडा भत्ता व अन्य भत्ते सातवें वेतनमान अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के समान दिए जाने, प्रदेश के अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित पेंशनरों निगम मंडल इत्यादि में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मंत्री परिषद के आदेश दिनांक 4 जनवरी 2020 के संदर्भ में किया जावे, नए शिक्षा संवर्ग (राज्य शिक्षा सेवा) में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को नियुक्ति के स्थान पर संविलियन के आदेश जारी कर सेवा अवधि की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक (शिक्षा कर्मी, संविदा शिक्षक, गुरुजीओ) के पद पर नियुक्ति के  दिनांक से करते हुए वरिष्ठता के आदेश जारी किये जाने के साथ ही, मध्य प्रदेश वित्त विभाग पत्र दिनांक 14 /8/23 के द्वारा चतुर्थ समय मान वेतनमान प्रदान करने के आदेश दिए गए थे, परंतु शिक्षा विभाग में शिक्षक संवर्ग के सहायक शिक्षक एवं उच्च श्रेणी शिक्षक को चतुर्थ समय मान प्रदान नहीं किया गया है नियुक्ति दिनांक से समस्त शिक्षक वर्ग को 35 वर्ष पूर्ण होने पर चतुर्थ समयमान वेतनमान प्रदान किया जावे, प्रदेश में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, स्थाई कर्मी , कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों के विरुद्ध नियमितीकरण करने के उपरांत शेष पदों पर सीधी भर्ती की जावे एवं विभागाध्यक्ष को अपने विभाग में उपरोक्त कर्मियों को नियमितीकरण के अधिकार दिए जावे तथा तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर आउट सोर्स कर्मियों को शा.सेवक मान्य किया जाकर, कार्यभारित कर्मचारियों को अवकाश नकदीकरण का लाभ दिया जावे, लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान दिया जावे, सभी विभागों के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ पदोन्नत वेतनमान केअनुसार दिया जावे, भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ सरकार की भांति मप्र के वे कर्मचारी जो पांचवे वेतनमान में 1 जनवरी से 30 जून के मध्य वेतनवृद्धि प्राप्त करते थे उन्हे एक अतिरिक्त वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाए।

इसके अलावा पंचायत सचिव एवं स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जावे, नवीन नियुक्तियों मे स्टाय फंड (70%, 80%, 90%) की व्ययवस्था को समाप्त कर 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि के पूर्ववर्ति नियम को लागू किया जावे, कृषि विस्तार अधिकारियों की वेतन विसंगति का निराकरण उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार किया जावे, समस्त विषय के सहायक शिक्षक एवं उच्च श्रेणी शिक्षक को वरिष्ठ और योग्यता के आधार पर पदोन्नति एवं पदनाम दिया जाए ,विशेष कर जिन्होंने स्नातक एवं स्नातकोत्तर जिस विषय में किया है, उस पर विशेष ध्यान दिया जाए, 300 दिवस का अर्जित अवकाश का नगदीकरण के आदेश किया जाकर, उच्च पदभार में D.EDऔर B.Ed की अनिवार्यता उच्च पदभार देने के बाद किया जाए, स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों की लंबित मांगों एवं वेतन विसंगतियों का शीघ्र निराकरण किया जावे, 31 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में नियमित पदों के विरुद्ध कार्यरत कुष्ठ कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता एवं महंगाई भत्ता का लाभ दिया जावे, नेत्र चिकित्सा सहायकों का पदनाम परिवर्तित कर नेत्र चिकित्सा अधिकारी किया जावे, वाहन चालकों की नियमित भर्ती की जावे एवं पद नाम परिवर्तित कर टैक्सी प्रथा पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया जाए ,विभिन्न विभागों के संवर्गो के वेतन विसंगति का निराकरण म.प्र.शासन द्वारा गठित वेतन आयोग द्वारा कराया जावे एवं वेतन आयोग के विचारणीय विषय वित्त विभाग म.प्र.शासन के राजपत्र दिनांक दिसम्बर 2019 अनुसार जारी किए जावे।

चर्चा के दौरान भृत्य का पदनाम परिवर्तित किया जाकर कार्यालय सहायक किया जावे एवं जल संसाधन विभाग के अमीन का पदनाम सिंचाई विस्तार अधिकारी किया जावे,आयुष संचालनालय द्वारा वर्ष 2003 में रिक्त पद के विरुद्ध की गई संविदा नियुक्तियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दी जावे, पूर्व मे इस प्रकार की नियुक्ति मे वरिष्ठता का लाभ दिया गया है, परिवार पेंशन के लिए 33 वर्ष की अहर्ता सेवा को कम कर 25 वर्ष किए जाने पर जोर दिया गया।

इसके साथ ही प्रदेश के सभी विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया जाए एवं नियमों का सरलीकरण करते हुए 3 वर्ष में सीपीसीटी परीक्षा उतीर्ण करने की अनिवार्यता में संशोधन कर पूर्व नियमों के अनुसार सीपीसीटी परीक्षा उतीर्ण करने के उपरांत वेतन वृद्धि का लाभ दिया जावे एवं सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त किया जावे, शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति हेतु पात्रता परीक्षा एवं प्रक्षिक्षण की अनिवार्यता को समाप्त किया जावे।

महामंत्री जितेन्द्र सिंह ने उपरोक्त मांगो से सम्बंधित पृथक-पृथक पत्र देकर मुख्य सचिव से करीब 20 मिनट तक एक-एक मांगो के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा कर मांगो से अवगत कराया। मुख्य सचिव ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया है कि सरकार अतिशीघ्र कुछ मांगो पर निर्णय लेगी।

मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के जिला संयोजक अटल उपाध्याय, सह संयोजक देवेंद्र पचौरी, आलोक अग्निहोत्री, नरेश शुक्ला, लोकेंद्र बेन, बृजेश मिश्रा, अर्जुन सोमवंशी, योगेंद्र मिश्रा, रजनीश पांडे, केजी पाठक, अरुण पटेल, विवेक मिश्रा, प्रयांश शुक्ला, बीरेंद्र तिवारी, विनय नामदेव अजय दुबे, राजू मास्क ने ज्ञापन पर तत्काल आदेश जारी करने की मांग की है।

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