Tuesday, September 17, 2024
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छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में आर्टिस्ट्री कंपनी के सलाहकार चेतन पाटिल गिरफ्तार

मुंबई (हि.स.) । महाराष्ट्र के मालवण मे स्थित राजकोट किले में बनी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में जिन दो लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें से चेतन पाटिल को सिंधुदुर्ग की पुुलिस नेे कोल्हापुर से गिरफ्तार कर लिया है।

मालवण में सिंधुदुर्ग किले के पास राजकोट में बनी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के बाद शिवाजी को अपना आदर्श मानने वाले लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। साथ ही इस घटना के खिलाफ विपक्षी दलों और शिवाजी प्रेमियों ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। उधर, इस दुर्घटना के सिलसिले में दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

इस प्रतिमा को बनाने का ठेका मेसर्स आर्टिस्ट्री कंपनी को दिया गया था। जयदीप आप्टे इस कंपनी के मालिक हैं और चेतन पाटिल सलाहकार हैं। प्रतिमा गिरने के बाद इन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उधर पुलिस ने देर रात इस मामले में कार्रवाई करते हुए चेतन पाटिल को गिरफ्तार कर लिया। हादसे के बाद से जयदीप आप्टे फरार है। मालवण थाने में मामला दर्ज किए जाने के बाद चेतन पाटिल पिछले 4 दिनों से पुलिस को चकमा दे रहा था।

राजकोट किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के बाद निर्माण सलाहकार डॉ. चेतन पाटिल और ठेकेदार के खिलाफ मालवन पुलिस स्टेशन में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया। बताया गया है कि कंस्ट्रक्शन कंसल्टेंट चेतन पाटिल पर केस दर्ज कराया गया है। सिंधुदुर्ग पुलिस की एक टीम उसे गिरफ्तार करने के लिए पिछले 4 दिनों से कोल्हापुर में डेरा डाले हुए थी। हालाँकि, दोनों मोबाइल फोन बंद होने के कारण उसकी लोकेशन पता नहीं चल पा रही थी। आखिरकार, कोल्हापुर में स्थानीय अपराध जांच शाखा की एक टीम ने शुक्रवार तड़के करीब 3 बजे चेतन पाटिल को शिवाजी पेठ स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया। आगे की जांच के लिए उसकी हिरासत सिंधुदुर्ग पुलिस को सौंप दी गई।

पिछले साल सिंधुदुर्ग किले के पास आयोजित नौसेना दिवस के अवसर पर राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा स्थापित की गई थी। इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था लेकिन यह प्रतिमा उसी समय से विवादों के घेरे में है। कई शिवाजी प्रेमियों ने इस प्रतिमा को दोषपूर्ण बताकर इसकी आलोचना की। साथ ही मांग की गई कि इसे हटाकर वहां दूसरी प्रतिमा लगाई जाए।

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