वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हैदराबाद में उद्योग जगत के हितधारकों और अग्रणी व्यक्तियों के साथ परस्पर बातचीत की। इस लोकसंपर्क कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी और तेलंगाना सरकार के उद्योग मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने भी भाग लिया।
इस परस्पर बातचीत में महिला उद्यमियों, एमएसएमई, चैंबर ऑफ कॉमर्स, उद्योग संघों, निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी), स्टार्ट-अप्स सहित 200 से अधिक हितधारकों ने भाग लिया, जिसमें एयरोस्पेस, सूचना और प्रौद्योगिकी (आईटी), चमड़ा और फुटवियर, लॉजिस्टिक्स, कृषि और खाद्य, फार्मा और चिकित्सा उपकरण जैसे विभिन्न सेक्टर शामिल हैं। इन लोगों ने तेलंगाना पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने विचार, अभिनव सुझाव और सफलता गाथाएं साझा कीं।
लोकसंपर्क बैठक में भाग लेने वाले कुछ प्रमुख उद्योगपतियों में कार्गो एक्सचेंज इंडिया, एमपीएल, जैस्पर शिपिंग, एक्सिस एनर्जी वेंचर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा लिमिटेड, वेलस्पन ग्रुप, श्री एजुकेशनल सोसाइटी, ऑटोक्रेसी मशीनरी, एयरगैप टेक्नोलॉजी, तेलंगाना इंडस्ट्री एसोसिएशन, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड, भारत बायोटेक लिमिटेड, सीआईआई तेलंगाना, ईश्वर्या एग्री प्रोसेसर्स, अलमेलो फार्मा, ऐश्वर्या एंटरप्राइजेज, फेडरेशन ऑफ फार्मा, फेडरेशन ऑफ तेलंगाना चैंबर ऑफ कॉमर्स, एमएसएमई यूनिट ऑफ लेदर, एस्ट्रो टॉक, ईपीसी चेयरमैन, ए फुटवियर एसोसिएशन, रॉकेट स्पेस कंपनी, विजन लैब्स, वैक्सीन मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन रेड हेल्थ, फिनटेक इंडस्ट्री, पोल्ट्री इंडस्ट्री, सीआईआई और वर्को ग्रुप ऑफ कंपनीज शामिल थे।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों ने व्यवसाय करने की सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस-ईओडीबी), पीएम गतिशक्ति, स्टार्ट-अप इंडिया, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), एनआईसीडीसी, मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए), निर्यात, जीईएम पोर्टल और एसईजेड आदि जैसी विभिन्न पहलों का प्रदर्शन किया।
डी. श्रीधर बाबू ने तेलंगाना राज्य में निर्यात बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण विकास क्षमता पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त, उन्होंने तेलंगाना और हैदराबाद को एआई कैपिटल और स्किल हब बनाने पर बल दिया।
जी. किशन रेड्डी ने कहा कि सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) द्वारा टिकाऊ अर्थव्यवस्था और तकनीकी उन्नति हासिल की जा सकती है। उन्होंने तेलंगाना में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी, बैंकिंग सुधार और पीएलआई योजनाओं जैसे कई रूपांतरकारी सुधारों पर भी जोर दिया।
इसके अतिरिक्त, उद्योग हितधारकों ने अपने सुझाव साझा किए, विभिन्न मुद्दे उठाए और सरकार से चुनौतियों का समाधान करने, प्रक्रियाओं में सुधार करने और नीतिगत बदलाव लाने का अनुरोध किया।
श्री पीयूष गोयल ने व्यापार वृद्धि और नवोन्मेषण के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने और नीति-निर्माण में उनके फीडबैक को शामिल करने में इस तरह की परस्पर बातचीत के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उनकी अंतर्दृष्टि भारत में आर्थिक विकास और व्यापार करने में सुगमता को बढ़ावा देने वाली नीतियों को आकार देने में सहायक होगी।
मंत्रियों ने एमएसएमई और स्टार्टअप सहित हितधारकों के सुझावों पर ध्यान दिया और सरकारी अधिकारियों को उठाए गए मुद्दों की जांच करने और आगे की कार्रवाई करने की अनुशंसा की। उन्होंने दोहराया कि केंद्र और राज्य सरकार सभी राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार कर देश की बेहतरी के लिए मिलकर काम कर रही हैं।
पीयूष गोयल ने नवोन्मेषण, सतत विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का समर्थन करने वाली मजबूत औद्योगिक इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने देश के महत्वाकांक्षी विजन 2047 को अर्जित करने में उद्योग हितधारकों की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित की।
उन्होंने सराहना की कि तेलंगाना विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है, जिससे यह व्यवसायों और निवेशकों के लिए एक अनुकूल गंतव्य बन गया है। तेलंगाना में निवेश करने वाले निवेशक इसकी सक्रिय सरकारी नीतियों, रणनीतिक स्थान, कुशल कार्यबल और एक मजबूत औद्योगिक आधार से लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने हवाई अड्डों के विकास, औद्योगिक पार्कों की स्थापना आदि के लिए केंद्र सरकार का समर्थन सुनिश्चित किया जो तेलंगाना सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली भूमि के अध्यधीन है।
पीयूष गोयल ने रचनात्मक इनपुट को स्वीकार किया और इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उद्योग के साथ मिलकर काम करने के सरकार के संकल्प को दोहराया।