देश के घरेलू कोयला आधारित (डीसीबी) थर्मल पावर प्लांट्स (टीपीपी) में 29 जून 2024 तक कोयले का स्टॉक 44.46 मीट्रिक टन है, जो वर्तमान खपत के स्तर के अनुसार 18.5 दिनों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। यह स्टॉक स्थिति पिछले वर्ष की इसी समय की स्टॉक स्थिति से 33 प्रतिशत अधिक है। गौरतलब है कि इस वर्ष की पहली तिमाही के दौरान कोयले के उत्पादन में 10.58 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इसी तरह, कोयले की आपूर्ति में 8.50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
यह भी उल्लेखनीय है कि कोयला उत्पादन में मानसून के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, कोयला मंत्रालय ने 30 जून 2024 तक खदानों के पिटहैड (पारगमन में कोयले सहित) पर 98.67 मीट्रिक टन स्टॉक की उपलब्धता सुनिश्चित की है जो पिछले वर्ष की स्थिति की तुलना में 33.5 प्रतिशत अधिक है।
वर्तमान में टीपीपी के अंत में स्टॉक की उपलब्धता मानक आवश्यकता का 68 प्रतिशत है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान लगभग 50 प्रतिशत थी। यह ध्यान देने योग्य है कि वित्त वर्ष 23-24 के दौरान घरेलू कोयला आधारित टीपीपी में कोयले की कोई कमी नहीं थी। 31 मार्च 2024 तक टीपीपी में कोयले का स्टॉक 47 मीट्रिक टन से अधिक था। इस वित्तीय वर्ष में भी कोयला मंत्रालय टीपीपी के अंत में और खदान के पिटहैड (खदान शाफ्ट का शीर्ष) में भी समान उच्च स्टॉक बनाए रखने की योजना बना रहा है।
पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 29 जून 2024 तक रेक/दिनों की संख्या में 10.54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, इस प्रकार यह स्पष्ट है कि सभी घरेलू कोयला आधारित टीपीपी की मानसून आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। इसके अलावा कोयला, रेलवे और बिजली मंत्रालय देश में सभी घरेलू कोयला आधारित टीपीपी में कोयले की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निकट समन्वय कर रहे हैं।