उर्जा विभाग के अंतर्गत कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के नियमित व संविदा कर्मचारियों के स्वयं के व्यय व आवेदन पर एक बिजली कंपनी से दूसरी बिजली कंपनी (कर्मचारी का गृह जिला कंपनी) में स्थानांतरण नीति बनाने हेतु मध्य प्रदेश के शिक्षा एव परिवहन मंत्री उदयप्रताप सिंह को मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के नियमित व संविदा कर्मचारी, जो कि मप्र उर्जा विभाग के अंतर्गत तीनों वितरण कंपनियों में लगभग 15 वर्ष से कार्यरत हैं। इनमें 1500 ऐसे कर्मचारी हैं, जिनके गृह जिला प्रदेश की अन्य विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत आता है, जिस कारण ये कर्मचारी गृह स्थान से लगभग 900 किमी दूर तक रहकर कार्य करने हेतु विवश है।
वहीं कार्यरत कर्मचारियों कि औसत आयु लगभग 40-45 वर्ष हो गई है, साथ ही कर्मचारियों के माता-पिता भी वृद्ध व अस्वस्थ हो गये है। गृह स्थान से दूर रहकर अल्पवेतन व अवकाश में कर्मचारी अपने माता-पिता व परिवार के प्रति दायित्वों का पूर्ण निर्वहन नहीं कर पा रहे है, जिस कारणमानसिक अवसाद से ग्रसित रहते है। इससे कार्य दक्षता भी प्रभावित होती है।
बिजली कर्मचारियों ने अनुरोध किया कि विद्युत वितरण कंपनियों में कार्यरत तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के नियमित व संविदा कर्मचारियों को स्वयं के व्यय व आवेदन पर अपने गृह जिला अंतर्गत विद्युत वितरण कंपनी में वन टाइम चैनल स्थानांतरण नीति बनाने हेतु ऊर्जा विभाग को निर्देशित करने। इस अवसर पर तकनीकी कर्मचारी संघ के संदीप यादव, गेंदालाल, अंकित शर्मा, उदय सिंह, सावन पटेल, सुनील ठाकुर आदि उपस्थित रहे।