Tuesday, October 1, 2024
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ऊर्जा मंत्री का दावा: पूरे प्रदेश में हो रही निर्बाध विद्युत आपूर्ति, उपभोक्ताओं को मिली राहत

लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी व लू के कारण तथा बिजली के घरेलू उपयोग बढ़ने से बिजली की अप्रत्याशित मांग बढ़ी है। जगह-जगह ट्रांसफार्मर फूंकने की घटनाएं होती रहीं। लोकल फाल्ट की समस्या से भी लोगों को जुझना पड़ रहा है, लेकिन ऊर्जा मंत्री का दावा है कि पूरे प्रदेश में 24 घंटे में विद्युत की निर्वाध आपूर्ति हो रही है, जिससे भीषण गर्मी व लू से होने वाली परेशानियों से प्रदेशवासियों को राहत मिली है। उन्होंने कहा कि स्थानीय दोषों, आंधी व तूफान या अन्य किसी कारण से आपूर्ति बाधित होने के अलावा बिना किसी भेदभाव के पूरे प्रदेश को रोस्टर मुक्त करके 24 घंटे बिजली दी जा रही है।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि उप्र में 30,618 मेगावाट विद्युत की अधिकतम मांग को सकुशल पूरा किया गया और पूरे देश में सबसे ज्यादा 655.66 मिलियन यूनिट बिजली आपूर्ति प्रदेश में एक दिन में की गयी। वर्तमान में उप्र पूरे देश में सभी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए महाराष्ट्र से भी 4000 से 5000 मेगावाट अधिक की आपूर्ति कर रिकार्ड बना रहा है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष प्रदेश में 28,284 मेगावाट सर्वाधिक मांग थी। जो कि इस वर्ष 28,284 मेगावाट से गर्मी की शुरूआत हुई और यह अब तक 30,618 मेगावाट तक पहुंच चुकी है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1970 से अब तक लगभग 50 वर्षों से प्रदेश की बदहाल विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने व पटरी पर लाने के लिए विगत दो वर्षों में प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा। इसमें आरडीएसएस योजना अंतर्गत 17 हजार करोड़ रूपये, बिजनेस प्लान के तहत 5 हजार करोड़ रूपये तथा नगरीय निकायों में विद्युत तंत्र के विकास हेतु 1 हजार करोड़ रूपये के अनुरक्षण कार्य कराये गये। इसके अंतर्गत पूरे प्रदेश में जर्जर व झूलते हुए तारों को हटाया गया तथा 1 लाख किमी तक एबी केबल में बदला गया। जर्जर व झुके हुए पोल को हटाकर 19 लाख नये खम्भे लगाये गये तथा 6 लाख ट्रांसफार्मर पर कार्य हुआ, इसमें नये ट्रांसफार्मर लगाये गये, क्षमता वृद्धि और मरम्मत का कार्य हुआ।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह संकल्प ही नहीं बल्कि दृढ़इच्छा भी है कि प्रदेश को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति मिलेगी। इसके लिए प्रदेश की विद्युत उत्पादन इकाईयों की क्षमता को 6 से 10 प्रतिशत बढ़ाकर बिजली का उत्पादन बढ़ाया गया। जिससे वर्ष 2012-2017 के दौरान की 13 से 14 हजार मेगावाट की जो अधिकतम विद्युत मांग थी वह इस समय की न्यूनतम मांग से कम है। जबकि वर्तमान सरकार ने 1.50 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिया गया और 1.25 लाख से अधिक मजरों का विद्युतीकरण किया। प्रदेश के विद्युत संकट को दूर करने के लिए तापीय विद्युत उत्पादन ही नहीं बढ़ाया जा रहा, बल्कि सौर ऊर्जा पर भी तेजी से कार्य हो रहा।

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