सूरत (हि.स.)। स्मार्ट मीटर के संबंध में सोशल मीडिया पर वायरल बातों का खंडन करते हुए दक्षिण गुजरात बिजली कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक योगेश चौधरी ने सफाई दी है। एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर के संबंध में भ्रामक बातें सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंची है। डीजीवीसीएल पहले लोगों का विश्वास हासिल करेगी, इसके बाद इस दिशा में आगे बढ़ा जाएगा। तब तक कंपनी की ओर से सरकारी कार्यालय में स्मार्ट मीटर इन्स्टॉल किए जाएंगे।
पुराने मीटर और नए स्मार्ट मीटर के बारे में जानकारी देते हुए डीजीवीसीएल के एमडी योगेश चौधरी ने कहा कि स्मार्ट मीटर से अधिक बिल आने की बात गलत है। स्मार्ट मीटर पुराने स्टेस्टेटीक मीटर की तरह है। स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली का दैनिक उपयोग ग्राहक और कंपनी को प्राप्त हो रहा है। शुरुआत में डीजीवीसीएल की कॉलोनी में मीटर रिप्लेस कराए गए हैं। प्रि-पेड स्मार्ट मीटर भी मौजूद मीटर की तरह ही बिजली के उपयोग को दर्ज करता है। इस मीटर के जरिए बिजली उपयोग की सटीक जानकारी एप्लिकेशन के जरिए से रोजाना हासिल किया जा सकता है। चौधरी ने कहा कि सही जानकारी के अभाव में असमंजस पैदा हुआ है। ग्राहक यदि अपने बिजली मीटर की पुरानी हिस्ट्री के अनुसार पिछले साल के बिजली के बिल की तुलना करेंगे तो वास्तविकता समझ में आएगा कि बिल नहीं बढ़ा है। जानकारी के अभाव में जितनी भी शिकायतें आईं हैं, उन ग्राहकों के पुराने बिजली बिल से तुलना कर उनकी उलझन दूर की गई है।
देश के कई राज्यों में चल रहा स्कीम
योगेश चौधरी ने बताया कि केन्द्र सरकार की रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) अंतर्गत पूरे देश में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में 1.10 करोड़ स्मार्ट मीटर इन्स्टॉल किए जा चुके हैं। डीजीवीसीएल इस साल अप्रैल से स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू कर चुकी है। हाल में 12 हजार मीटर लगाए जा चुके हैं। स्मार्ट मीटर लगाने के फायदे बताते हुए उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के अधिक उपयोग के कारण इससे ट्रैकिंग बेहतर ढंग से की जा सकती है। वहीं पुराने मीटर की तुलना में स्मार्ट मीटर अधिक सुरक्षित है। सादा मीटर से हम रोजाना बिजली उपयोग की जानकारी नहीं प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इसके जरिए लोगों को रियल टाइम इनफार्मेशन मिल सकेगा। स्मार्ट मीटर के प्रति लोगों की उलझन दूर करने के लिए डीजीवीसीएल लोगों में जागरूकता अभियान चलाएगा, इस दौरान सरकारी कार्यालयों में इसका इन्स्टॉलेशन का काम जारी रहेगा।
सौ लोगों में 5 का रहेगा पुराना मीटर
स्मार्ट मीटर का बिल अधिक आता है, लोगों की इस धारणा को दूर करने के लिए डीजीवीसीएल 100 स्मार्ट मीटर में 5 लोगों का पुराना मीटर ही रखेगा। ताकी लोग स्मार्ट मीटर और सादे मीटर की तुलना खुद भी कर सके। इसके अलावा पुराने बिजली के मीटर में आए बिल को लोगों को एक साथ भरने की सुविधा भी दी जाएगी। यानी यदि अभी पुराना मीटर निकाला जाता है तो तब तक के बिल को अलग से नहीं दिया जाएगा। इस रकम को नए स्मार्ट मीटर में ग्राहकों को जब रिचार्ज करना होगा तब थोड़ी-थोड़ी राशि वह जमा कर सकेगा। इसके अलावा सोसायटी में मीटर इन्स्टॉल करने के 3 से 4 दिन तक डीजीवीसीएल के कर्मचारी वहां मौजूद रहेंगे, ताकि किसी तरह की समस्या आए तो उसका तत्काल निराकरण कर दिया जाए। सूरत शहर और जिले में कुल 35 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इसमें आगामी डेढ़ साल में कृषि कार्य और अस्थाई बिजली ग्राहकों को छोड़ कर करीब 17 से 18 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की योजना बनाई गई है।