नागपुर (हि.स.)। एंटी-नक्सल मिशन के पुलिस महानिदेशक संदीप पाटिल ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। बकौल पाटिल दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन में नक्सली संगठन सक्रिय हैं। यह लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के खिलाफ असंतोष फैलाने की साजिश है।
आईजी संदीप पाटिल ने गुरुवार को नागपुर में मीडिया कर्मियों से बात करते समय कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार को बदनाम करने के लिए नक्सली संगठनों ने साजिश रची है, ताकि मौजूदा सरकार दोबारा सत्ता में न आ सके। पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र में बारसु रिफाइनरी प्रोजेक्ट और आरे विरोध प्रदर्शन में भी नक्सली संगठन शामिल थे। उन्होंने कहा कि इन लोगों की लोकतंत्र और संविधान में कोई आस्था नहीं है। इससे पहले जब केंद्र सरकार देश में कृषि कानून लेकर आई थी तो बड़े पैमाने पर किसान आंदोलन हुए थे। उस वक्त भी आंदोलन में नक्सलियों का भूमिगत नेटवर्क सक्रिय था।
पाटिल ने कहा कि जांच में यह जानकारी सामने आयी है कि मौजूदा किसान आंदोलन में भी नक्सली संगठन सक्रिय हैं। पिछली बार किसान आंदोलन शुरू करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में नक्सली भी शामिल थे। इसमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक ऑफ इंडिया संगठन के दर्शनपाल सिंह शामिल थे। कुछ दिन पहले सीपीआई-माओवादी पार्टी ने एक पर्चा जारी करके दर्शनपाल सिंह को निष्कासित कर दिया था।
संदीप पाटिल ने यह भी कहा कि दस्तावेज से पता चला है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तरी क्षेत्रों में किसान मोर्चा में माओवादी संगठन का एक नेटवर्क सक्रिय है। जब किसी आंदोलन में हिंसा भड़कती है और सरकार कठोर कार्रवाई करती है तो लोग सरकार से नाराज हो जाते हैं। नक्सलवादियों की ‘कार्यप्रणाली’ ऐसे असंतुष्ट लोगों को नक्सलवादी विचारधारा की ओर आकर्षित करना है।