प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर लगातार 9वीं बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। पीएम मोदी ने जैसे ही तिरंगा फहराया, वैसे ही दो एमआई 17 वन वी हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश की गई। उन्होंने तिरंगा फहराने के बाद देश को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देशवासियों को अनेक-अनेक शुभकामनायें। मैं विश्व भर में फैले भारतीयों को भी आजादी के अमृत महोत्सव की बधाई देता हूँ।
पीएम मोदी ने कहा कि न सिर्फ हिंदुस्तान का हर कोना, लेकिन दुनिया के हर कोने में आज किसी न किसी रूप में भारतीयों के द्वारा या भारत के प्रति अपार प्रेम रखने वाला विश्व के हर कोने में ये हमारा तिरंगा आन-बान-शान के साथ लहरा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि ये राष्ट्र कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद जैसे अनगिनत क्रांतिवीरों के प्रति जिन्होंने अंग्रेजों के हुकूमत की नींव हिला दी थी। ये राष्ट्र कृतज्ञ है, रानी लक्ष्मी बाई, रानी चेनम्मा, बेगम हजरत महल, दुर्गा भाभी जैसी वीरांगनाओं की। भारत की नारी शक्ति के त्याग और बलिदान की पराकाष्ठा के अनगनित उदाहरण हैं, जिसका स्मरण कर हर हिन्दुस्तानी गर्व से भर जाता है।
पीएम मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है। एक पुण्य पड़ाव, एक नई राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का ये शुभ अवसर है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देशवासियों ने भी उपलब्धियां की हैं, पुरुषार्थ किया है, हार नहीं मानी है और संकल्पों को ओझल नहीं होने दिया है, भारत लोकतंत्र की जननी है। भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास एक अनमोल सामर्थ्य है। 75 साल की हमारी ये यात्रा अनेक उतार-चढ़ाव से भरी हुई है अमृतकाल का पहला प्रभात आकांक्षी सोसायटी, आकांक्षी जन-मन की आकांक्षा को पूरा करने का सुनहरा अवसर है। हमारे देश के भीतर कितना बड़ा सामर्थ्य है, एक तिरंगे झंडे ने दिखा दिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में सामूहिक चेतना का पुनर्जागरण हुआ है। ये हमारी सबसे बड़ी अमानत है। पिछले 3 दिन से जिस तरह देश तिरंगा ले कर चल पड़ा है, ये अभूतपूर्व सामर्थ्य की मिसाल है इस सामर्थ्य ने देश को एक नई ताकत दी है। पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है। विश्व भारत की तरफ गर्व से देख रहा है, अपेक्षा से देख रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल के लिए हमें पंच-प्राण पर अपनी शक्ति, संकल्पों, सामथ्र्य को केंद्रित करनी होगी। हमें 2047 तक आजादी के दीवानों के संकल्प को पूरा करने का जिम्मा उठा कर चलना होगा ये पंच-प्राण हैं- विकसित भारत, गुलामी की सोच व मनोभाव से मुक्ति, विरासत पर गर्व करें, 130 करोड़ देशवासियों में एकता और एकजुटता, नागरिकों का कर्तव्य जब सपने बड़े होते हैं, संकल्प बड़े होते हैं तो पुरुषार्थ भी बड़ा होता है। अब आज जब अमृतकाल की पहली प्रभात है तो हमें 25 साल में विकसित भारत बना कर रहना है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जो जूझ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है। इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है अनुभव कहता है कि एक बार हम सब संकल्प लेकर चल पड़ें, तो हम निर्धारित लक्ष्यों को पार कर लेते हैं। यही हमारा प्राण, यही हमारा प्रण भी होना चाहिए जिस प्रकार से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी है, जिस मंथन के साथ बनी है, कोटि-कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है। भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि कभी कभी हमारी प्रतिभा भाषा के बंधनों में बंध जाते हैं। ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए आत्मनिर्भर भारत, ये हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है। आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है। ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे तभी तो हम ऊंचा उड़ेंगे। और जब हम ऊंचा उड़ेंगे तो विश्व को भी समाधान दे पाएंगे हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले। इसलिए हम स्पेस मिशन का, डीप ओशन मिशन का विस्तार कर रहे हैं। स्पेस और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान है।
पीएम मोदी ने कहा कि अमृत काल के लिए आवश्यकता है- जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान। क्या हम स्वभाव से, संस्कार से, रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं। देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां-
पहली चुनौती- भ्रष्टाचार
दूसरी चुनौती- भाई-भतीजावाद, परिवारवाद
पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, उससे देश को लडऩा ही होगा। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटाना भी पड़े, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं। जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता होता, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं करते, तब तक ये मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है।