इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और धोखाधड़ी के प्रयासों का तेजी से पता लगाने के लिए एक नया सुरक्षा तंत्र सफलतापूर्वक शुरू किया है। इन-हाउस विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) आधारित सुरक्षा तंत्र अब कैप्चर किए गए फिंगर प्रिंट की जांच करने के लिए फिंगर मिन्यूशिया और फिंगर इमेज दोनों के संयोजन का उपयोग कर रहा है। यह आधार प्रमाणीकरण लेनदेन को और भी मजबूत और सुरक्षित बना रहा है।
इसमें नया टू फैक्टर/लेयर ऑथेंटिकेशन ऐड-ऑन चेक जोड़ रहा है ताकि फिंगरप्रिंट की प्रामाणिकता (लाइवनेस) को सत्यापित किया जा सके ताकि धोखाधड़ी के प्रयासों की संभावना को और कम किया जा सके। यह कदम बैंकिंग और वित्तीय, दूरसंचार और सरकारी क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक उपयोगी होगा। यह समाज के अंतिम तबके को भी लाभान्वित करेगा क्योंकि यह आधार सक्षम भुगतान प्रणाली को और मजबूत करेगा और असामाजिक तत्वों द्वारा दुर्भावनापूर्ण प्रयासों पर अंकुश लगाएगा। आधार आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण का नया सुरक्षा तंत्र अब पूरी तरह पूरी तरह से संचालित हो गया है। यूआईडीएआई द्वारा अपने भागीदारों और उपयोगकर्ता एजेंसियों के साथ कई महीनों की चर्चा और सहयोग के बाद यह शुरु किया गया है।
नए तौर-तरीकों के लाभ के बारे में एयूए/सब एयूए प्रमाणीकरण उपयोगकर्ता एजेंसियों (एयूए) के साथ यूआईडीएआई की निरंतर सहभागिता और उचित परिश्रम किया गया। एयूए एक इकाई है जो प्रमाणीकरण सेवा एजेंसी द्वारा सुविधा के अनुसार प्रमाणीकरण का उपयोग करके आधार धारकों को आधार सक्षम सेवाएं प्रदान करने के काम में लगी हुई हैं। सब एयूए वे एजेंसियां हैं जो मौजूदा अनुरोधकर्ता इकाई के माध्यम से अपनी सेवाओं को सक्षम करने के लिए आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करती हैं। यूआईडीएआई ने समर्थन और सहयोग के लिए सभी एयूए/सब एयूए को धन्यवाद दिया है।
नई प्रणाली से उंगली की छवि या केवल उंगली के सूक्ष्म भाग आधारित आधार प्रमाणीकरण से दो तरह से प्रमाणीकरण होगा और इससे सभी हितधारकों को लाभ होगा। यूआईडीएआई का मुख्य कार्यालय और इसके क्षेत्रीय कार्यालय किसी भी उपयोगकर्ता एजेंसी (जो अभी तक माइग्रेट नहीं हुए हैं) को जल्द से जल्द नए सुरक्षित प्रमाणीकरण मोड में बदलने की सुविधा के लिए सभी संस्थाओं के संपर्क में हैं।
आधार आधारित प्रमाणीकरण लेन-देन को अपनाने में वृद्धि देखी जा रही है। यह समाज में कई कल्याणकारी लाभों और सेवाओं का लाभ उठाने में मददगार साबित हुआ है। दिसंबर 2022 के अंत तक, आधार प्रमाणीकरण लेनदेन की कुल संख्या 88.29 बिलियन को पार कर गई थी और औसतन प्रति दिन 70 मिलियन का लेनदेन हो रहा था। उनमें से अधिकांश फिंगरप्रिंट-आधारित प्रमाणीकरण हैं, जो दैनिक जीवन में इसके उपयोग और उपयोगिता का संकेत देते हैं।