प्रधानमंत्री ने देशवासियों को दी त्योहारों की बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के रेडियो कार्यक्रम के 49वें संस्‍करण जरिये देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान लौह पुरुष सरदार वल्‍लभ भाई पटेल को नमन करते हुए उन्‍‍‍‍‍‍होंने देशवासियों से 31 अक्‍टूबर को सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की जयंती पर रन फॉर यूनिटी में शामिल होने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि 31 अक्‍टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्‍यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को त्योहारों की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अक्‍टूबर खत्‍म होने को है। सर्दियां आ रही हैं और बदलते मौसम के साथ ही त्‍योहारों का मौसम भी आ रहा है। धनतेरस, दीपावली, भैयादूज और छठ नवंबर को त्‍योहारों का महीना भी कहा जा सकता है। त्‍योहारों में अपने स्‍वास्‍थ्‍य और समाज के हितों का ख्‍याल रखें। उन्‍होंने कहा कि इस 31 अक्तूबर को सरदार पटेल की जयंती विशेष होगी क्योंकि इस दिन उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए हम स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, राष्ट्र को समर्पित करेंगे। गुजरात में नर्मदा के तट पर स्थापित विश्व की सबसे ऊंची इस गगनचुंबी प्रतिमा की ऊंचाई अमेरिका के स्‍टैच्‍यू ऑफ लिबर्टी से दोगुनी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो सरदार पटेल जो जमीन से जुड़े थे, अब आसमान की भी शोभा बढ़ाएंगे और उन्हें आशा है कि देश का हर नागरिक माँ-भारती की इस महान उपलब्धि को लेकर विश्व के सामने गर्व के साथ सीना तानकर इसका गौरवगान करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लिए उनकी ईमानदारी और प्रतिबद्धता ऐसी थी कि किसान, मजदूर से लेकर उद्योगपति तक, सब उन पर भरोसा करते थे।गांधी जी ने सरदार पटेल से कहा कि राज्यों की समस्याएँ इतनी विकट हैं कि केवल आप ही इनका हल निकाल सकते हैं और सरदार पटेल ने एक-एक कर समाधान निकाला और देश को एकता के सूत्र में पिरोने के असंभव कार्य को पूरा कर दिखाया। उन्होंने सभी रियासतों का भारत में विलय कराया। चाहे जूनागढ़ हो या हैदराबाद, त्रावणकोर हो या फिर राजस्थान की रियासतें। वे सरदार पटेल ही थे जिनकी सूझबूझ और रणनीतिक कौशल से आज हम एक हिन्दुस्तान देख पा रहे हैं। एकता के बंधन में बंधे इस राष्ट्र को, हमारी भारत माँ को देख करके हम स्वाभाविक रूप से सरदार वल्लभभाई पटेल का पुण्य स्मरण करते हैं।
प्रधानमंत्री ने 27 अक्टूबर को मनाए जाने वाले इन्‍फैंट्री डे के अवसर पर कहा कि वे उन सभी को नमन करते हैं, जो भारतीय सेना का हिस्सा हैं और अपने सैनिकों के परिवारों को भी उनके साहस के लिए सलाम करते हैं। उन्‍होंने कहा कि यह वही दिन है जब भारत के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल के सुझाव पर भारतीय सेना के जवान कश्मीर की धरती पर उतरे थे और घुसपैठियों से घाटी की रक्षा की थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह खेल जगत में जोश, ताकत, कुशलता, आंतरिक बल, ये सारी बातें बहुत महत्वपूर्ण हैं और एक खिलाड़ी की सफलता की कसौटी होते हैं, उसी तरह यही चारों गुण किसी राष्ट्र के निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं। प्रधानमंत्री ने एशियन पैरा गेम्‍स के पैरा एथलीटों से मिलकर उन्हें बधाई दी। इन खेलों में भारत ने 72 पदक जीते और नया रिकॉर्ड बनाकर भारत का गौरव बढ़ाया। उन्होंने कहा कि उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और हर विपरीत परिस्थिति से लड़कर आगे बढ़ने का उनका जज़्बा हम सभी देशवासियों को प्रेरित करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को इस वर्ष भुवनेश्वर में पुरुष हॉकी वर्ल्ड कप 2018 के आयोजन का सौभाग्य मिला है। हॉकी वर्ल्‍ड कप 28 नवंबर से शुरू होकर 16 दिसंबर तक चलेगा। उन्‍होंने कहा हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद से तो पूरी दुनिया परिचित है. बलविंदर सिंह सीनियर, लेस्‍ली क्‍लॉडियस, मोहम्मद शाहिद, उधम सिंह से लेकर धनराज पिल्लई तक हॉकी ने एक बड़ा सफर तय किया है। खेल प्रेमियों के लिए रोमांचक मैचे को देखने का यह एक अच्छा अवसर है।