नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्य की सूची जारी की, यूपी-बिहार फिसड्डी

नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) भारत सूची 2018 जारी कर दी ह। यह सूची 2030 एसडीजी लक्ष्यों को लागू करने में भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की प्रगति दर्शाती है।
एसडीजी भारत सूची को सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट और संयुक्त राष्ट्र (भारत) के सहयोग से तैयार किया है। इस सूची को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार, सदस्य डॉ रमेश चन्द्र, डॉ वी.के. पॉल व डॉ वी.के.सारस्वत, आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, संयुक्त राष्ट्र संयोजक यूरी अफानासिव और सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव तथा सीएसआई प्रवीन श्रीवास्तव ने लांच किया।
नीति आयोग दोहरी जिम्मेदारी निभाता है। आयोग को एक तरफ देश में एसडीजी के कार्यान्वयन की निगरानी की जिम्मेदारी है तो दूसरी तरफ राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक और सहयोगी संघवाद को प्रोत्साहित करने की भी जिम्मेदारी है। एसडीजी भारत सूची इन दोनों जिम्मेदारियों के बीच एक सेतु का काम करती है। इस कार्यक्रम में वैश्विक एसडीजी के पांच पी को शामिल किया गया है– लोग (पीपुल), पृथ्वी (प्लेनेट), समृद्धि (प्रोसपिरिटी), सहयोग (पार्टनरशिप) और शांति (पीस)। ये लक्ष्य विभिन्न सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक पृष्ठभूमि वाले लोगों से संबंधित है तथा इनमें विकास के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय आयामों को शामिल किया गया है।
एसडीजी भारत सूची 62 प्राथमिक संकेतकों पर आधारित है। इन संकेतकों का चयन नीति आयोग ने किया है। इस सूची में 17 एसडीजी में से 13 के आंकड़ों को शामिल किया गया है। एसडीजी 12, 13 और 14 का मापन संभव नहीं हो सका क्योंकि इनसे संबंधित आंकड़े राज्य, केन्द्रशासित प्रदेश द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जा सके थे। एसडीजी 17 पर विचार नहीं किया गया है क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर आधारित है।
कुल 13 एसडीजी के संदर्भ में प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश के प्रदर्शन को 0-100 के पैमाने पर मापा गया है। यह राज्यों के औसत प्रदर्शन को दिखलाता है। असम, बिहार और उत्तर प्रदेश इस सूची में सबसे निचले पायदान पर हैं। वहीं आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादर और नागर हवेली, दमन और दीव, दिल्ली और लक्षद्वीप का प्रदर्शन अच्छा कहा जा सकता है, इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, चंडीगढ़ और पुदुच्चेरी का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता उपलब्ध कराने में, असमानता कम करने में और पर्वतीय पारिस्थितिकी को संरक्षित करने में हिमाचल प्रदेश ने उच्च स्थान प्राप्त किया है। वहीं अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने में, भूखमरी कम करने में, लैंगिक समानता हासिल करने में तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में केरल ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा स्वच्छ पेयजल व स्वच्छता उपलब्ध कराने में, किफायती व स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने में, आर्थिक विकास करने में और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में चंडीगढ़ ने अग्रणी स्थान प्राप्त किया है।