नई दिल्ली (हि.स.)। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने सिक्किम से सोलोमन द्वीप तक जीआई-टैग वाली डैले मिर्च की पहली खेप का सफलतापूर्वक निर्यात किया है। जीआई-टैग वाली 15,000 किलोग्राम डैले मिर्च के निर्यात से सिक्किम में किसानों की आय में वृद्धि हुई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में बताया कि सिक्किम से सोलोमन द्वीप तक जीआई-टैग वाली डैले मिर्च की पहली खेप का एपीडा ने सफलतापूर्वक निर्यात किया है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि वैश्विक जैविक कृषि बाजार में भारत की बढ़ती प्रमुखता को चिह्नित करती है और पूर्वोत्तर क्षेत्र से प्रीमियम उत्पादों की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग को उजागर करती है।
खरीद के संदर्भ में अपने व्यापक नेटवर्क के जरिए दक्षिण सिक्किम के किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) से लगभग 15,000 किलोग्राम ताजा डैले मिर्च प्राप्त की, जिसमें टिंकिटम और तारकू क्षेत्र शामिल हैं। इस खेप ने सुनिश्चित किया कि किसानों को सामान्य 180-200 रुपये प्रति किलोग्राम की तुलना में 250-300 रुपये प्रति किलोग्राम का प्रीमियम मूल्य मिले, जिससे जीआई टैगिंग और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के आर्थिक लाभों की पुष्टि हुई।
उल्लेखनीय है कि डैले मिर्च को फायर बॉल मिर्च या डैले खुरसानी के नाम से भी जाना जाता है। यह मिर्च अपने तीखेपन, चमकीले लाल रंग और उच्च पोषण मूल्य के लिए प्रसिद्ध है, जो विटामिन ए, सी और ई के साथ-साथ पोटैशियम से भरपूर है।
डैले मिर्च की स्कोविल हीट यूनिट (एसएचयू) 100,000 से 350,000 तक होती है। इसके परिणामस्वरूप यह रसोई और औषधीय दोनों तरह के इस्तेमाल के लिए एक मसाले के रुप में लोकप्रिय है।