Unified Pension Scheme (हि.स.)। पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने गुरुवार को एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को अमल में लाने वाली अधिसूचना जारी कर दी है। इस योजना के तहत सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन की 50 फीसदी राशि को सुनिश्चित पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त, 2024 को यूपीएस लाने को मंजूरी दी थी।
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण की जारी अधिसूचना के मुताबिक यूपीएस से संबंधित नियम 1 अप्रैल, 2025 से लागू हो जाएंगे। ये नियम एक अप्रैल, 2025 तक सेवा में मौजूदा केंद्र सरकार के एनपीएस में आने वाले कर्मचारी और केंद्र सरकार की सेवाओं में अप्रैल, 2025 को या उसके बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों सहित केंद्र सरकार के कर्मचारियों के नामांकन को सक्षम करते हैं।
पीएफआरडीए ने इसको वित्त मंत्रालय की अधिसचना सख्या फा. स. एफएक्स-1/3/2024-पीआर, दिनांक 24 जनवरी, 2025 के माध्यम से अधिसूचित किया है। नियामक ने कहा कि यह अधिसूचना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत आने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा 24 जनवरी, 2025 को जारी यूपीएस अधिसूचना का अनुसरण करती है।
अधिसूचना के मुताबिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों की इन सभी श्रेणियों के लिए नामांकन और दावा फॉर्म एक अप्रैल, 2025 से प्रोटीन सीआरए की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही कर्मचारियों के पास फॉर्म को भौतिक रूप से जमा करने का विकल्प भी है। इस अधिसूचना के मुताबिक, कर्मचारी को सेवा से हटाए जाने या बर्खास्त किए जाने या इस्तीफे के मामले में यूपीएस या सुनिश्चित भुगतान विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।
पीएफआरडीए के मुताबिक पूर्ण सुनिश्चित भुगतान की दर 25 वर्षों की न्यूनतम योग्यता सेवा के अधीन और सेवानिवृत्ति से तुरंत पहले 12 मासिक औसत मूल वेतन का 50 फीसदी होगी। अधिसूचना से 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस और एनपीएस के बीच चयन करने का विकल्प मिलेगा। एनपीएस एक जनवरी, 2004 को लागू हुआ था।
उल्लेखनीय है कि जनवरी, 2004 से पहले प्रभावी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत कर्मचारियों को उनके कार्यकाल के अंतिम मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलता था। ओपीएस के उलट यूपीएस अंशदायी प्रकृति की है।
इस योजना में कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी योगदान करना होगा, जबकि नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 फीसदी होगा। हालांकि, अंतिम भुगतान उस कोष पर मिलने वाले बाजार रिटर्न पर निर्भर करता है, जिसे ज्यादातर सरकारी बॉन्ड में निवेश किया जाता है।