Monday, October 21, 2024

Daily Archives: May 15, 2020

किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करेगी सरकार- वित्तमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 12 मई को कोरोना वायरस से आई अर्थव्यवस्था में मंदी को दूर करने के साथ 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष...

नारी- प्रीति वर्मा

कभी बेटी, कभी बहन, कभी माँ, कभी दादी, कभी नानी हैं नारी के रूप अनेक हर रिश्ते को अपनाती है हर रिश्ते को निभाती है ऐसी है यह नारी कभी...

याद करें वो दिन- डॉ अपराजिता नंदी

हम सब धरती माँ की संतान हम सब हैं आपस में सगे भाई फिर हमारे बीच में किसने नफरत की आग लगाई।। तेरा धर्म क्या मेरा धर्म क्या जब...

जंगल का फूल- मुकेश चौरसिया

एक फूल खिला था जंगल में, अनदेखा सा, अनचीन्हा सा उसे जगाया था सूरज ने, दिन भर उसके संग बतियाया रात चाँद उसके आँगन में, तारों के संग आ,...

लड़कियाँ- निशांत खुरपाल

वो लड़की इश्क़ को नहीं जानती, फिर भी इश्क़ को ही है खुदा मानती बेवफ़ाई नाम का लफ्ज तो, उसने सुना ही नहीं, वो इश्क़ में वफ़ा...

गति ही जिन्दगी है- रमेश कुमार

और तेज और जल्दी और बेहतर पहले से नवीन और अच्छा विकास का पैमाना है परिवर्तन परिवर्तन की गति जल्दी-जल्दी काम करने वाली मशीनों का जल्दी-जल्दी निर्माण और आविष्कार जल्दी...

कंपकंपाता मजदूर- पूजा पनेसर

कंपकंपाता मजदूर जब चला, इस जहां से कुछ न मिला जब तक वह कुछ समझ पाता, आपदा में ईश्वर काम नहीं आता, चाहता था वह जिसका साथ , सभी...

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग से आत्मनिर्भर भारत की ओर- मोहित कुमार उपाध्याय

कोरोना संकट के इस भयावह समय में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में मजबूत संकल्प शक्ति का परिचय देते...

उदासियों के लिए- रूची शाही

ये गलत था कि मैं हमेशा अपने हालात से उपजी इन उदासियों के लिए चाहती थी तुमसे कोई उपचार अपनी जिद और अपनी बात ऊपर रखने के लिये विवश भी...

मन इक जंगल- विभा परमार

मन इक जंगल ही तो है और उसमें निरंतर विचारों का आवागमन दलदल ही तो है विचारों का ये दलदल धीरे धीरे गहराता जाता है सर्द रातों के घने...

कोरोना- प्रीति कुमारी

देश की जान बचाओ यारो, कोरोना मुक्त भारत बनाओ यारो। घर पर ही रह कर, प्राचीन संस्कृति अपनाओ यारो। हाथ जोड़ कर करो नमस्कार, दूर रह कर करो वाद...

अमानत- जसवीर त्यागी

एक दिन उसने कहा- तुम तुम्हारे पास अमानत हो मेरी यूँ ही नहीं कोई सौंप देता अपनी अमानत किसी को भी जहाँ नम होती है यकीन की जमीन प्यार का पौधा...

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