Tuesday, October 22, 2024

Monthly Archives: June, 2020

I still have you- Ashutosh Ashu

I still have your rose Never separated from my heart.. It always reminds ur fragrance In my heart I still have your feelings ,Kept your remains I still...

केंद्रीय कर्मचारियों को इंक्रीमेंट के लिए करनी होगी प्रतीक्षा, सरकार ने बढ़ाई APAR की समयावधि

केंद्र सरकार ने 2019-20 के लिए केंद्रीय कर्मचारियों के एनुअल परफॉर्मेंस एसेसमेंट रिपार्ट (APAR) को पूरा करने की समयावधि बढ़ा दी है। इसे बढ़ाकर...

आत्महत्या…हत्या- भरत कनफ़

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कर ली है। कारण बताया गया है कि काफी समय से वह डिप्रेसन में चल रहे थे। जिस...

लद्दाख की गलवान वैली में भारत-चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प, भारत के तीन सैनिक शहीद, दिया चीन को मुंहतोड़ जवाब

भारत और चीन के बीच लद्दाख की गलवान वैली में एलएसी में हुए ताज़ा घटनाक्रम के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में...

आत्महत्या: आखिर क्यों- अनिल कुमार मिश्र

'आत्महत्या' एक ऐसा शब्द है जो निश्चित रूप से हमें विचलित कर अनेक अनुत्तरित प्रश्न हमारे मन के भीतर डाल देता है और हम...

किसान: प्रीति

प्रीतिचंडीगढ़ कौन है किसानमैं यह बताने आई हूँमैं भारत की बेटीभारतीय किसानों कापरिश्रम बताने आई हूँ भरता पेट सभी लोगों कामिट्टी से फसल, है उगाताहै जिस...

मौन- मोहित कुमार उपाध्याय

आज कल जब भी मैं कोई बात तुमसे करना चाहता हूँ हमेशा तुम मुझसे दूर चली जाती हो इतना दूर कि चाहकर भी तुमको ढूंढ न पाऊँ हम दोनों के बीच पलता यह...

मानसिक स्वास्थ्य और बढ़ती आत्महत्याएं- माज़िद अली

वो कायर था, बुज़दिल था, हालात का सामना नहीं कर सका, उसे अपने घर वालों की भी फ़िक्र नही थी, इसलिए उसने आत्महत्या कर...

रक्तदान है महादान- सुरेंद्र सैनी

मानवता का हुआ है भान बहुत कीमती मानव-जान जीवन के अर्थ को समझो तत्पर होकर बचाओ जान रक्तदान है महादान मत गिरने दो अपना ईमान जनहित से देश बने महान स्वार्थ...

एक भारतीय गधे की कहानी- मुकेश चौरसिया

(गधों के आगे इस तरह के कोई विशेषण लगाना चाहिए या नहीं यह तो मुझे पता नहीं क्योंकि गधे-घोड़े आदि संज्ञाएं तेजी से विशेषण...

उन ख़तों का रंग- निशांत खुरपाल

उस ज़माने में जब फोन नहीं हुआ करते थे, हम एक-दूसरे को चिट्ठीयाँ भेजा करते थे, आज-कल की वहशत वाला नहीं जनाब, हम एक-दूसरे को, चिट्ठियों में...

प्रकृति का स्वरूप- गरिमा गौतम

पर्यावरण प्रकृति का स्वरूप है जीव-जंतु का जीवन आधार मत इसको बरबाद करो मच जाएगा हाहाकार हरी भरी धरती है अपनी ऊपर नीला व्योम वितान मत छीनो हरियाली इसकी मच जाएगा...

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